थलीसैंण में अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य पर अम्बेडकर एक विमर्श विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित

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थलीसैंण में अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य पर अम्बेडकर एक विमर्श विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित
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थलीसैंण में अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य पर अम्बेडकर एक विमर्श विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय थलीसैंण में राजनीति विज्ञान विभाग परिषद् तथा इतिहास विभाग परिषद् के संयुक्त तत्वाधान में अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य पर अम्बेडकर: एक विमर्श, विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ शुभारम्भ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ० रेनू रानी बंसल जी के द्वारा डॉ० भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। इसके पश्चात् विभिन्न वक्ताओं ने अंबेडकर जी पर अपने विचार रखे।

विक्रम सिंह रावत @पौड़ी

संस्कृत विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ० विनोद कुमार ने हिंदू कोड बिल के द्वारा महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के अंबेडकर जी के प्रयासों के विषय में बतलाया, डॉ० अजय कुमार सहायक प्राध्यापक हिंदी ने अंबेडकर जी के द्वारा बतलायी गयी शिक्षा की महत्ता पर विचार रखें। हिंदी विभाग के ही सहायक प्राध्यापक डॉ० धर्मेंद्र कुमार के द्वारा भारत के आर्थिक क्षेत्र में विकास में अम्बेडकर जी के योगदान पर प्रकाश डाला।

डॉ० दुदुन मेहता सहायक प्राध्यापक जंतु विज्ञान ने सामाजिक परिवर्तन के लिए अंबेडकर जी के द्वारा किए गए सामाजिक आंदोलन के विषय में जानकारी दी । अंग्रेज़ी विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ० निर्मला रावत ने उनके जीवन संघर्ष से जुड़ी कहानियाँ को साझा कर छात्रों को उससें सीख लेनें को कहा।

सहायक प्राध्यापक इतिहास विभाग डॉ० नवरतन सिंह ने अम्बेडकर जी के प्रेरणा रहें ज्योतिबा फूले जी के द्वारा महिला शिक्षा पर कियें गयें उनकें प्रयासों में आने वाली चुनौतियों को बतलाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्राचार्य महोदया ने कहा कि हम अंबेडकर जी के जीवन से प्रेरणा लेकर जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम के संयोजक राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ० विकास प्रताप सिंह ने वक्ताओं तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी के सहयोग के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस कार्यक्रम का संचालन भौतिक विज्ञान के सहायक प्राध्यापक डॉ० सुधीर रावत ने किया। इस कार्यक्रम में सभी प्राध्यापक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहें ।

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