कविता:  यह पुष्प समर्पित उन वीरों को…!

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कविता: यह पुष्प समर्पित उन वीरों को...!
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यह पुष्प समर्पित उन वीरों को, जो अमर शहीद हुए हैं।
करता है राष्ट्र नमन उन्हीं को, जो वीर इतिहास  बने हैं।
समय-समय पर भारत के वीरों ने, पराक्रम प्रचंड दिखाया ,
भारत माता की रक्षा करने कोअपना प्राण उत्सर्ग कराया।
                              यह पुष्प समर्पित उन वीरों को–  

नापाक चीन के हिंसक दांतो को, भारत के वीरों ने तोड़ा।
दुम दबाकर भागा दुश्मन, जग ने भारत का लोहा माना।
क्षुद्र चाल से छली चीन ने, जब भारत को था ललकारा,
वीर सैनिकों ने भारत के, सदा दुश्मन को धूल चटाया।
                             यह पुष्प समर्पित उन वीरों को–

भूल चुके हो क्या जसवंत को, तीन सौ जिसने मारे थे।
तीन दिवस तक लड़ा अकेला, अरु मारे  सैनिक सारे थे।
सन बासठ का राइफलमैन अब, कर्नल रैंक वह पाया ।
ऐ मूर्ख चीन ! पराक्रम भारत का, याद तुझे नहीं आया।
                            यह पुष्प समर्पित उन वीरों को–

डोकलाम से तू भाग गया था, अब गलवान से भी भागेगा।
तू छद्मी कुटिल चालबाज है, निश्चित ही भारत से हारेगा।
यह बासठ का युद्ध नहीं, अब यह बीस बीस का भारत है।
समझाने से यदि ना समझा, फिर तो निश्चित महाभारत है।
                              यह पुष्प समर्पित उन वीरों को–

अभी समय है चीन संभल जा, फिर जसवंत आ जाएगा।
एक एक सैनिक भारत का, फिर सौ सौ चीनी को मारेगा।
बलिदान व्यर्थ नहीं जाता, ना व्यर्थ जाती सैनिक कुर्बानी।
महावीरों के प्राण उत्सर्ग से, सदा मिलती है अमर जवानी।
                         यह पुष्प समर्पित उन वीरों को-

कवि:सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’