नमामि गंगे का उद्देश्य गंगा को बचाना ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति को भी बचाने की मुहिम है: डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला

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नमामि गंगे का उद्देश्य गंगा को बचाना ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति को भी बचाने की मुहिम है: डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला
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नमामि गंगे का उद्देश्य गंगा को बचाना ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति को भी बचाने की मुहिम

नमामि गंगे का उद्देश्य गंगा को बचाना ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति को भी बचाने की मुहिम है, यह बात डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला ने कही। ऋषिकेश पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के नमामि गंगे प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एन.एम.सी.जी.), जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य परियोजना प्रबन्धन ग्रुप, नमामि गंगे उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वाधान में 16 से 31 मार्च तक आयोजित स्वच्छता पखवाड़ा 2023 के अंतर्गत गंगा एवं उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ रखने, जनमानस को जागरूक करने के लिए गंगा स्वच्छता पर नुक्कड़ नाटक गंगा नहीं तो हम नहीं का विमोचन किया I

नाटक में छात्र-छात्राओं द्वारा कूड़ा प्रबंधन के फायदे बताएं गीले एवं सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन का उपयोग करने की विधि भी दिखाई, प्लास्टिक के थैले का उपयोग पूरी तरह बंद कर कपड़े के थैले के उपयोग पर बल दिया।

नमामि गंगे के नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला ने छात्र छात्राओं को जागरूक करते हुए कहा कि जिस प्रकार नदी तटों की स्वच्छता आवश्यक है उसी प्रकार गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में बसने वाले जलीय जीवों का संरक्षण बहुत जरूरी है, क्योंकि गंगा हमारी संस्कृति की धरोहर है, जन्म से मृत्यु तक सारी आर्थिक गतिविधियां एवं त्योहार मेले संस्कार नदी किनारे ही होते हैं I

नमामि गंगे का उद्देश्य गंगा को बचाना ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति को भी बचाने की मुहिम है, डॉक्टर मैन्दोला ने G-20 सम्मिट के बारे में भी चर्चा की अंत में आस्था पथ पर उपस्थित सभी लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई।

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