समर्थन देने पंहुचे अनेक जन प्रतिनिधि
पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री दिनेश धनै, वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री जोत सिंह विष्ट और अखिलेश उनियाल भाजपा नेता श्री अरविंद सकलानी ने भी दिया समर्थन
कद्दूखाल (मां सुरकंडा के चरण स्थल) में कालावन (तेगना) के निवासियों के द्वारा चलाए जाने वाला धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में उत्तराखंड जन एकता पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष श्री दिनेश धनै, जिला अध्यक्ष श्री संजय मैठानी केंद्रीय पदाधिकारी श्री प्रताप गुसाईं, चंबा ब्लॉक अध्यक्ष श्री बलबीर पुंडीर, श्री विनोद डबराल आदि ने धरना स्थल पर आकर अपना समर्थन दिया। माननीय पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री दिनेश धनै जी का हार्दिक आभार।
[su_highlight background=”#091688″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी @कवि: सोमवारी लाल सकलानी, निशांत[/su_highlight]
आज धरने पर बैठने वालों में कालावन (तेगना) की प्रधान श्रीमती ममता दंदेला के साथ अनेकों बुजुर्ग महिलाएं धरने पर बैठे रहे। मजगांव, कालावन, उनियाल गांव,हवेली, पुजार गांव, नवागांव, तथा कद्दूखाल से अनेकों व्यक्ति धरना स्थल पर मांगों के समर्थन में बैठे रहे। थौलधार ब्लॉक के पूर्व प्रमुख तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री जोत सिंह बिष्ट, जिला पंचायत सदस्य (पूर्व) श्री अखिलेश उनियाल, पूर्व प्रधान सुरेश डबरियाल, भाग सिंह भरगांई, ताज नारायण उनियाल, तथा वर्तमान प्रधान संगठन के अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री अरविंद सकलानी, क्षेत्र पंचायत सदस्य अनिल उनियाल, जौनपुर जिला के अनेकों राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हुए लोग, सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि धरना स्थल पर आकर ग्रामीणों की मांगों का समर्थन करते हुए सरकार से यथाशीघ्र छोड़ के स्वीकृत कराने की मांग करते रहे।
कालावन (तेगना) ग्राम पंचायत क्षेत्र जो कि पूर्व में मजगांव ग्रामसभा का अंग रहा है, वरसों से 05 किलोमीटर सड़क के लिए तरस रहा है। जनप्रतिनिधियों के द्वारा यह मांग समय-समय पर उठाई गई लेकिन अनसुनी कर दिया गयी।
वयोवृद्ध श्री भरत सिंह भरगांई , श्री रूप सिंह राणा, श्री सोबन सिंह बिष्ट, श्री पूर्ण दंदेला, श्री चतर सिंह राणा, श्री बलदेव सिंह भंडारी, श्री प्रेम सिंह,प्रेम कोहली आदि के द्वारा समय-समय पर सड़क संपर्क मार्ग की मांग उठाई गई लेकिन शासन -प्रशासन ने क्षेत्र की मांग पर कभी ध्यान नहीं दिया और ना तवज्जो दी गई।
लिहाजा ग्रामीणों को विवश होकर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ा। यदि समय रहते ग्रामीणों की मांग नहीं सुनी गई और सड़क की स्वीकृति नहीं हुई तो ग्रामीण क्रमिक धरने को आमरण अनशन करने के लिए बाध्य होंगे तथा चक्का जाम आदि कदम उठाने के लिए भी मजबूर होंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन -प्रशासन की होगी। इसलिए शासन और प्रशासन को चाहिए कि ग्रामीणों की इस जनून मांग को स्वीकार करते हुए यथाशीघ्र कालावन (तेगना) क्षेत्र के लिए 05 किलोमीटर सड़क की स्वीकृति करते हुए शासनादेश जारी करने की कृपा करें।