शराब नहीं तो संस्कार नहीं का मिथक तोड़ नॉन कॉकटेल शादी से मिला सम्मान

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पत्रकार ने बेटी की शादी में बिना शराब परोसे दिखाई दिशा : सुशील बहुगुणा

[su_highlight background=”#091688″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी, नई टिहरी।[/su_highlight]राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था ‘ शराब शरीर और आत्मा’ दोनों का नाश करती है। मगर आज के इस कलुकाल में ‘शराब’ एक अमीरी का प्रतीक बनकर आम आदमी के जेहन में उन्नति व सेठ घराने की शानोशौकत सी बनकर रह गयी है। जिस बेटा या बेटी के विवाह में शराब न मिले, कहा जाता है कि वहां शादी या पार्टी कहाँ? हमारी कोई इज्जत नहीं हुई। चाहे कुछ भी हो शराब है तो खाने को न मिले, वाह-वाही भरपूर मिलेगी। शराब नहीं तो वहां जाना भी लोग पसंद नहीं करते। यह आमधारणा सी बन गई है।

शराब नहीं तो संस्कार नहीं के मिथक को तोड़ने हेतु कई स्वयं सेवी संस्थायें सामने आयीं और आज उन्हें इस मिथक को तोड़ने में सफलता भी हासिल हो रही है। वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी कई वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। मगर उनमें भी शराब परोसे जाने की परम्परा कायम रही। क्योंकि उस समय यह भी कहा जाता रहा है कि शराब से कोरोना के जीवाणु नष्ट हो जाते हैं, इस कारण जो लोग इसका सेवन करना पसंद नहीं करते थे, उन्होंने भी दवा के रूप में शराब के सेवन को स्वीकारा है।

शराब नहीं तो संस्कार नहीं का मिथक तोड़ नॉन कॉकटेल शादी से मिला सम्मान

अब जब कोरोना की पाबन्दियां नगण्य हो चुकी हैं और वर्तमान समय वैवाहिक कार्यक्रमों की भरमार चल रही है तो समाज के कई नुमाइंदे स्वयं सेवी संस्थाओं की जागरूकता के चलते इस सामाजिक बुराई से किनारा करने को आगे आ रहे हैं, यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि अब नाॅन काकटेल पार्टियों का दौर आने लगा है। इस दशहरे में कई एक शादियां ऐसी सम्पन्न हो रही हैं, जहां आयोजकों द्वारा शराब नहीं परोसी जा रही है और उन्हें स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से सम्मान भी प्राप्त हो रहा है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि कहीं यह भी ;हाथी के दांत’ जैसी किवदन्ति न बन जाय?

 

लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ कहलाये जाने वाले मीडियाकर्मी एवं वरिष्ठ पत्रकार गोविन्द बिश्ट ने भी अपनी पुत्री तनुजा का नाॅन काॅकटेल विवाह सम्पन्न करवाया। इसके अलावा चम्बा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे स्व. श्री राजेन्द्र प्रसाद डबराल की पुत्री सुनीता एवं चम्बा सिलोगी दिलबीर सिंह रावत की पुत्री स्वाति का विवाह भी नाॅन काॅकटेल के तहत सम्पन्न हुआ। जिन्हें ग्रामीण क्षेत्र विकास समिति रानीचौरी द्वारा पिठांई के साथ सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।

यहां पर यह उल्लेख करना अतिषयोक्ति न होगा कि नाॅन काॅकटेल पार्टी वैवाहिक कार्यक्रमों के प्रेरणाश्रोत कहलाने का श्रेय इस प्रखण्ड में ग्रामीण क्षेत्र विकास समिति रानीचौरी व उनके संस्थापक/अध्यक्ष सुशील बहुगुणा को ही जाता है। समिति के संस्थापक श्री बहुगुणा अब तक दर्जनों नाॅन काॅकटेल शादियों में वधू पक्ष की ओर से बाराती मेहमानों को पिठांई भेंट कर चुके हैं।

शराब नही संस्कार के जन्मदाता सुशील बहुगुणा ने जानकारी दीआज शराब नही संस्कार के तहत तनुजा पुत्री गोविन्द बिष्ट नई टिहरी -स्वाति पुत्री श्री दिलबर सिंह रावत सिलोगी,सुनीता पुत्री स्वश्री राजेंद्र डबराल चम्बा को भी हमारे द्वारा प्रशस्ति पत्र व पीठांई देकर सम्मानित किया गया। शराब नही संस्कार के तहत बरिष्ठ पत्रकार गोविन्द बिष्ट  ने कहा, मेरे द्वारा अपनी पुत्री तनुजा की शादी में मेहमानों को शराब न परोसकर शराब न पिलाकर जो शकून मिला उतना अन्य बच्चों की शादी में नही मिल पाया। इस अवसर पर दुग्ध संघ टिहरी के अध्यक्ष जगदम्बा बैलवाल,  सतवीर पुंडीर, रश्मि, कुंभी बाला भट्ट, जगदीश बडोनी मनीष चमोली ने सहयोग किया।

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