चौलाई की खेती पर पर्णकीट का संकट

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चम्बा प्रखण्ड की मखलोगी, धारअकरिया क्षेत्र का कास्तकार जहां एक ओर बन्दर और सुअरों के आतंक से खेती की ओर विमुख होने की कगार पर है वहीं वर्षा न होने के कारण सूखे की मार तो दूसरी ओर चौलाई की खेती पर पर्णकीट का संकट यहां के कास्तकारों को मायूस होने को विवश कर रहा है।

सरहद का साक्षी, नकोट

चौलाई
चौलाई की खेती
चौलाई का पौधा

बन्दरों व सुअरों के आतंक के कारण इस क्षेत्र का कास्तकार अधिकांशतया अपने खेतों में चौलाई की खेती करके अपनी रोजमर्रा की आवश्यकताओं की पूर्ति करने को विवश रहता है, क्योंकि चौलाई की खेती को बन्दर और सुअर कमतर नुकसान पहंुचाते हैं। मगर इस बार चौलाई की खेती बारीश न होने के कारण पर्णकीट की चपेट में आकर नष्ट होने की कगार पर है। पर्णकीट ने चौलाई के खेतों में तबाही मचाई हुई है।

कास्तकारों के खेतों में आगामी कुछ दिनों में पर्णकीट की इसी रफ्तार के चलते चौलाई के की फसल के केवल डंठल ही दिखाई देंगे, ऐसा प्रतीत होता है। यदि समय पर वर्षा न हुई तो कास्तकारों की अन्य फसलें भी पूर्णतया सूखकर नष्ट होने की कगार पर हैं। क्षेत्रों में तैनात कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारियों का ध्यान भी इस ओर नहीं जाता है और न ही कभी कोई अधिकारी कर्मचारी गांवों के कास्तकारों के खेतों की तरफ रुख करता है। लिहाजा कास्तकारों को मायूसी ही झेलनी पड़ती है।