“हिन्दू नव वर्ष” की हार्दिक शुभकामनाएं, जानिए कैसा रहेगा यह ‘काल’ नामक संवत्सर 

"हिन्दू नव वर्ष" की हार्दिक शुभकामनाएं, जानिए कैसा रहेगा यह 'काल' नामक संवत्सर 
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“हिन्दू नव वर्ष” की हार्दिक शुभकामनाएं, जानिए कैसा रहेगा यह ‘काल’ नामक संवत्सर

‘काल’ नामक नव वर्ष का हार्दिक अभिनन्दन एवं सुमधुर स्वागत

“हिन्दू नव वर्ष” अर्थात् नवीन संवत्सर चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होता है। इस तिथि से पितामह ने सृष्टि का निर्माण किया था। प्रथम सत्य युग का आरम्भ भी इसी तिथि से हुआ था, इसी दिन सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने शकों पर विजय प्राप्त कर विक्रम सम्वत का प्रारम्भ किया था। कहा भी गया है कि-

चैत्रे मासि जगद् ब्रह्मा ससर्जं प्रथमेऽहनि।
शुक्लपक्षे समग्रे तु तदा सूर्योदये सति ।।

यह भी माना जाता है कि प्रतिपदा को रेवती नक्षत्र, विषकुम्भ योग में नववर्ष का शुभारम्भ हुआ था, आज से नया वर्ष प्रारम्भ हो रहा है , भारतीय संस्कृति एवं परम्परा के अनुसार इस वर्ष का नाम “काल युक्त” है। आठ अप्रैल रात 11 बजकर 51 मिनट पर नया सम्वत प्रारम्भ हो गया है, उस समय ‌धनुर्धर लग्न में ग्रहों का बल, उस समय तीन, चार, पांच व दसवें भाव में सभी ग्रह अवस्थित हैं। अग्नि एवं रोगों से सावधानी रखनी होगी। यह वर्ष शासकों को दृढ़ संकल्प लेने में सहयोग करेगा।

काल नामक सम्वत्सर में ‘ईति भीति जनु प्रजा दुखारी’ का डर, विभिन्न प्रकार के पेचीदा रोगों में वृद्धि, विभिन्न देशों के राजाओं में क्षुब्धता, टकराव व बिखराव के कारण युद्ध जैसी स्थिति, कुछ स्थानों में भयंकर वर्षा, बाढ़ आदि, फिर भी जल और अन्न में वृद्धि, अतः सभी भारतीय जन मानस राष्ट्रीय हित का ध्यान अवश्य रखें।

भले ही प्रतिपदा तिथि का आरम्भ आठ अप्रैल सोमवार 2024 रात 11/51 मिनट को हो गया है परन्तु भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नववर्ष नौ अप्रैल से प्रारम्भ माना जाएगा। इस वर्ष भूमि परिपूर्ण दिखेगी, राजाओं में असन्तोष दिखेगा, अपने बल के प्रभाव से पृथ्वी का उपभोग करेंगे। बेरोज़गारी से असन्तोष व्याप्त रहेगा। अतः सरकारों से यह निवेदन किया जाना आवश्यक है कि बेरोजगारी को कम करने के लिए उपाय किए जाए, अधिक से अधिक रोजगार के पद सृजित करवा कर उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाय, यह सन्देश इस वर्ष का राजा मंगल व मंत्री शनि देव जो परस्पर विरोधी है, दे रहे हैं! अतः सचेष्ट रहने की सलाह दी जाती है, वर्ष के स्वामी की भी यही अपेक्षा हैं। वर्ष का राजा वह होता है जिस वार को नया वर्ष प्रारम्भ हो रहा है, आज संयोग से रेवती नक्षत्र व वैधृति योग में नए वर्ष का प्रवेश हो रहा है। बहुत महत्वपूर्ण सुयोग है। आज के दिन को चैती प्रतिपदा, आरोग्य, गुड़ी, वरूण अवतार आदि प्रतिपदा भी कहा जाता है। बासन्तीय नवरात्र का शुभारम्भ आज से है, अभिजित मुहूर्त तक घट स्थापन श्रेयस्कर रहेगा। मां जगदम्बा से विश्व कल्याण की प्रार्थना करता हूं। विशेष रूप से नव वर्ष (सम्वत्सर) की शुभकामनाएं।

सभी मानवों के लिए नया वर्ष शुभकारी रहे, यह अभिलाषा है। मां पुण्यासिनी (जगदम्बा ) जन धन, मान सम्मान, फल फूल, पशु व अन्न की वृद्धि कर खुशहाली प्रदान करते हुए नव उमंग प्रदान करेंगी। ‘ध्यानार्थ’ एक विशेष अनुरोध है कि हम नव वर्ष को यह लिख कर कि “हिन्दू नव वर्ष” इसे लघुत्व दे देते हैं, अतः विचार कर ही अपने महत्व को कम न करें, भारतीय नववर्ष कहा जाय तो समुचित रहेगा, यह नव वर्ष हमारा गौरव है।

अतः सरहद का साक्षी परिवार की ओर से हिंदू नव वर्ष, नव संवत्सर की हार्दिक बधाई।

ज्योतिषाचार्य पं. हर्षमणि बहुगुणा

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