ओडिशा तट से दूर सुखोई 30 एमके–I से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का किया गया सफलतापूर्वक परीक्षण

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ओडिशा तट से दूर सुखोई 30 एमके–I से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का किया गया सफलतापूर्वक परीक्षण
Vertical Launch Short Range Surface to Air Missile successfully flight tested by Defence Research & Development Organisation (DRDO) from Integrated Test Range, Chandipur, off the coast of Odisha on December 07, 2021.
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रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सफलतापूर्वक की गई टेस्‍ट फायरिंग पर डीआरडीओ, ब्रह्मोस, भारतीय वायु सेना और उद्योग की प्रशंसा की

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का आज (08 दिसम्‍बर, 2021) ओडिशा के तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर से प्रात: 10:30 बजे सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमके –I से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इस उल्‍लेखनीय उड़ान में विमान से लॉन्‍च की गई मिसाइल ने सभी मिशन उद्देश्‍यों को पूरा करने के लिए पूर्व नियोजित गति प्रक्षेप पथ (ट्रजेक्टरी) का पालन किया।

यह लॉन्च ब्रह्मोस के विकास में एक प्रमुख उपलब्‍धि‍ है। यह देश में वायु संस्‍करण ब्रह्मोस मिसाइलों के क्रमबद्ध उत्‍पादन की प्रणाली को उजागर करता है। रामजेट इंजन का मुख्‍य भाग स्‍थापित करने वाली प्रमुख एयरफ्रेम असेंबलियां भारतीय उद्योग द्वारा स्‍वेदशी रूप से विकसित की गई हैं। इन असेंबलियों में रामजेट ईंधन टैंक और वायु चालित (न्‍यूमैटिक) ईंधन आपूर्ति प्रणाली सहित गैर-धात्विक वायु फ्रेम सेक्‍शन शामिल हैं। परीक्षण के दौरान, संरचनात्मक अखंडता और कार्यात्मक प्रदर्शन प्रमाणित हुए हैं। ब्रह्मोस के वायु संस्करण का पिछला परीक्षण जुलाई 2021 में किया गया था।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण फायरिंग पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), ब्रह्मोस, भारतीय वायु सेना और उद्योग की प्रशंसा की है। उड़ान परीक्षण में शामिल टीमों को बधाई देते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं, शैक्षणिक संस्थानों, गुणवत्ता आश्वासन और प्रमाणीकरण एजेंसियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और भारतीय वायु सेना ने इस जटिल मिसाइल प्रणाली के विकास, परीक्षण, उत्पादन और समावेशन में भाग लिया है।

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास, उत्पादन और विपणन के लिए भारत (डीआरडीओ) और रूस (एनपीओएम) के बीच एक संयुक्त उद्यम है। ब्रह्मोस एक शक्तिशाली आक्रामक मिसाइल हथियार प्रणाली है जिसे पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है।