क्या है ई- श्रमिक कार्ड और क्या है इसकी उपयोगिता? किसका बनना चाहिए और क्या होगा लाभ?

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    क्या है ई- श्रमिक कार्ड और क्या है इसकी उपयोगिता? किसका बनना चाहिए और क्या होगा लाभ? ई श्रम कार्ड और लेबर कार्ड में क्या है अंतर? ऐसे बहुत से सवाल लोगों के जेहन में हैं । उत्तराखण्ड में आसन्न विधानसभा चुनाव भले ही गर्मा – गर्म माहौल बना रहा हो किन्तु उससे अधिक चर्चा में आजकल ये ई श्रम कार्ड है। इसके बारे में लोगों के मन में बहुत सी भ्रांतियां हैं और नित्य लोगों के फ़ोन और मैसेज इसके उद्देश्य के बारे में प्राप्त हो रहे हैं। इसलिए कुछ हद तक इस बड़े सामाजिक प्लेटफॉर्म के मार्फ़त ई श्रम कार्ड को समझने की कोशिश करते हैं।

    [su_highlight background=”#091688″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी @महिपाल सजवाण, चम्बा [/su_highlight]

    दरसअल भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय ने असंगठित क्षेत्र के ऐसे लगभग 38 करोड़ लोगों का डेटाबेस बनाने का निर्णय लिया है जिनका सरकार के पास अभी तक कोई स्पष्ट डाटा नहीं था। कौन व्यक्ति किस काम में स्किल्ड है इसकी भी पहचान इस डेटाबेस को तैयार करने से हो सकेगी। इस डाटाबेस के मार्फत न सिर्फ सरकार बल्कि निजी क्षेत्र से जुड़े संस्थान व कंपनियां भी निकट भविष्य में अपनी योजनाओं को जरूरत मंद तक पहुंचा सकेंगी और अपनी आवश्यकताओं के अनुसार पात्र व्यक्तियों का प्रशिक्षण और रोजगार के लिए भी चयन कर सकेंगी। अभी कार्ड बनने की मुहिम शुरवाती चरण में है किंतु भविष्य में इसे पूर्ण अपडेट किये जाने की आवश्यकता रहेगी। ईपीएफओ, ईएसआईसी और आयकर दाता इस अभियान से बाहर रहेंगें क्योंकि वो सभी आलरेडी कामगार हैं।

    पात्रता- 16 से 59 वर्ष किन्तु रेगुलर स्कूल जाने वाले छात्र नहीं क्योंकि अभी वो कामगार नहीं हैं।

    अंतिम तिथि- कोई अंतिम तिथि नहीं है क्योंकि यह डेटाबेस निरंतर अपडेशन की सुविधा प्रदान करता है।
    क्या होगा सीधा लाभ- नॉमिनी को रुपये 2 लाख का दुर्घटना बीमा कवर, आंशिक दिव्यांगता की स्थिति में रुपये 1 लाख का बीमा अनुदान एवं राष्ट्रीय संकट या आपदा के दौरान सरकार को अपने नागरिको तक आवश्यक मदद पहुंचाने में होगी सहूलियत।

    भ्रांतियां- 1000 रुपये या 5000 रुपये आएंगे खाते में? बिल्कुल गलत.

    क्या है आवश्यक- कार्ड बनाते समय हमें अमुक व्यक्ति के वास्तविक स्किल को आइडेंटिफाई करना आवश्यक है, मसलन वह कुक, प्लम्बर, फिटर, नाई, कृषि श्रमिक,चायवाला, राजमिस्त्री, कारपेंटर, दर्जी, ब्यूटीपार्लर, इलेक्ट्रीशियन, पेंटर, वेल्डर जो भी उसकी प्राथमिकता में हो ऐसे लगभग 359 जॉब रोल का विकल्प हमें इस सॉफ्टवेयर में प्राप्त होता है । मैं पुनः स्पष्ट करना चाहूंगा विद्यार्थी कामगार नहीं है और विद्यार्थी स्वाभाविक रूप से इसमें कोई ऑप्शन भी नहीं है।

    क्या है सरकारी स्तर पर कमी- कार्ड तैयार करने वाले ऑपरेटर्स को एक प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता थी। हालांकि गलतियां होने पर इसमें अपडेशन की संभावना है। अभी इसमें आगे आपको अपने दस्तावेज यथा जाती और शैक्षिक, प्रशिक्षण व अनुभव प्रमाण पत्रों को भी अपलोड करने की आवश्यकता रहेगी ताकि श्रमसाध्यों का स्पष्ट डेटा बैंक तैयार हो सके। जो बच्चे पढ़ाई कर रहे है वह अपना यह कार्ड न बनाये।

    क्या ध्यान रखने की जरूरत है- कार्ड में सिर्फ अपना ही फ़ोन नं०दर्ज करें या कराएं और इस फ़ोन नं० को अब न बदलें।
    ई- श्रम कार्ड और लेबर कार्ड में अंतर- ई-श्रम कार्ड भारत सरकार और लेबर कार्ड राज्य सरकार की अलग -अलग योजना है, लेबर कार्ड के लिए आपको वर्ष में न्यूनतम 90 दिन पंजीकृत श्रमिक के रूप में कार्य करना आवश्यक है जबकि ई श्रम कार्ड मुख्यतया: आपके काम को पहचान देने के लिए है।