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उत्तराखण्ड क्रांतिदल की जिला प्रभारी उर्मिला महर सिलकोटी ने आज जिला मुख्यालय में उपजिलाधिकारी के माध्यम से उत्तराखंड में UKSSSC, UKPSC, विधानसभा प्रशासन और सरकारी विभागों में की गयी नियुक्तियों में व्याप्त भ्रष्टाचार और घोटालों की CBI द्वारा जांच कर दोषियों को कड़ी़ से कड़ी़ सजा दिलवाने हेतु ज्ञापन प्रेषित किया है।

उप जिलाधिकारी टिहरी के माध्यम से प्रेषित ज्ञापन में उक्रांद टिहरी जिला प्रभारी उर्मिला महर ने कहा है कि उत्तराखंड में गत कई वर्षों से UKSSSC, UKPSC, विधानसभा प्रशासन और कई सरकारी विभागों द्वारा की जा रही नियुक्तियों में गंभीर भ्रष्टाचार और घोटालों की शिकायत पाई गई है। वर्तमान में ऐसी गंभीर भ्रष्टाचार की इन शिकायतों पर राज्य की सरकारी एजेंसियां जांच कर रही हैं, परंतु उत्तराखंड की जनता को राज्य की जांच एजेंसियों पर विश्वास नहीं है।

जनता का मानना है कि राज्य सरकार में बैठे भ्रष्ट राजनेता और भ्रष्ट शीर्ष अधिकारी जिनका इन भ्रष्टाचार और घोटालों को संरक्षण प्राप्त है, उन पर जांच एजेंसी हाथ नहीं डालेगी, उनको जांच की परिधि में नहीं लिया जाएगा और ये उच्च स्तरीय भ्रष्ट राजनेता और अधिकारी साफ बच जाएंगे। UKSSSC, UKPSC, विधानसभा प्रशासन पर इन नियुक्तियों में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार का आरोप है।

कहा कि निर्लज्जता की सीमा तो यहां तक लांघी गई है कि एक महिला अभ्यर्थी ने एक आयोग के सदस्य पर आरोप लगाया कि उसने मेरे चयन करने के बदले में मुझसे सेक्सुअल फेवर करने की मांग की। ऐसी मृत्यु तुल्य प्रताड़ना देकर आज प्रतिभावान युवाओं को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इन्हीं कारणों से उत्तराखंड राज्य की छवि को धूमिल और दागदार किया गया है।

उन्होंने आग्रह किया कि UKSSSC, UKPSC, विधानसभा प्रशासन और अन्य सरकारी विभागों में गत 10 वर्षों से हुई नियुक्तियों की जांच CBI से कराई जाए, ताकि उत्तराखंड के प्रतिभाशाली बेरोजगारों को न्याय मिले और उत्तराखंड की छवि को बेदाग बनाया जा सके।

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