तस्करी दुर्लभ वन्य प्राणियों के अंगों की, 15 लाख की भालू की पित्ती व कस्तूरी पकड़ी

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Trafficking of rare wild animal parts, caught bear hives and oysters of 1.5 million

रिपोर्ट: ओम रतूड़ी

सरहद का साक्षी,

बागेश्वर। पुलिस ने बोलेरो कार से भालू की पित्तियों व कस्तूरी के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एसपी बागेश्वर मणिकांत मिश्रा ने पुलिस व एसओजी टीम को नकद पुरस्कार का ऐलान किया है, बरामद माल की कीमत 15 लाख रूपये आंकी जा रही है। ।

जानकारी के अनुसार एसओजी बागेश्वर को सूचना मिली थी कि दुर्लभ वन्य प्राणियों के अंगों की तस्करी की तैयारी चल रही है। इस सूचना पर एसओजी और कपकोट थाने की पुलिस ने पोथिंग तिराहे पर वाहनों की पड़ताल शुरू कर दी। कुछ ही देर में महिंद्रा बोलेरो यूके 02टीए 1706 को पुलिस टीम ने तलाशी के लिए रुकवाया।

वाहन की तलाशी में उसके अंदर से भालू की दो पित्तियां जिनका वजन 230 ग्राम था और 23 ग्राम कस्तूरी बरामद हुई।  पुलिस ने वाहन चालक  काफलीकमेडा निवासी प्रवीन सिंह पुत्र नंदन सिंह को गिरफ्तर कर लिया। प्रवीन सिंह ने पूछताछ में बताया कि वह उच्च हिमालयी वन क्षेत्रों में दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों का शिकार कर भालू की पित्ती एवं कस्तूरी मृग से कस्तूरी निकालकर उसे बाहरी जिलों व राज्यों में तस्करी करता है। पुलिस टीम में एसओजी प्रभारी  एसआई कुन्दन सिंह रौतेला कपकोट थाने से एसआई सुष्मिता राना,एसओजी के जवाने बसन्त पंत,चन्दन राम कोहली, राजेश भट्ट, नरेन्द्र गोस्वामी, गिरीश बजेली, कपकोट थाने के जवान शंकर राम, कुन्दन सिंह थाना कपकोट आदि शामिल थे।

क्य़ा है कस्तूरी

कस्तूरी नाम संस्कृत भाषा से उत्पन्न माना जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ है ”अंडकोष”। कस्तूरी एक बहुत ही दुर्लभ सुगन्धित पदार्थ है। यह विशेष प्रकार के मृग कस्तूरी मृग जो उच्च हिमालयी क्षेत्र में पाये जाने वाले नर मृग के गुदा क्षेत्र में स्थित एक ग्रंथि से प्राप्त होता है। कस्तूरी एक गोल नुमा एक से डेढ़ इंच के थैले में बन्द रहती है। इसका आकार चपटा सा और चिकना होता है।

कहा जाता है कि यह हिरण अपनी ही कस्तूरी की सुगंध से इतना प्रभावित हो जाता है कि इसे पूरी जंगल में ही ढूंढता रहता है और उसे यह पता नहीं रहता है कि यह उसके पास ही होती है। इसकी इसी सुगंध के कारण शिकारी उसे आसानी से ढूंढ लेते हैं।

कस्तूरी के फायदे और इसके प्रभाव

आयुर्वेद के अनुसार कस्तूरी धातु परिवर्तक, आंखों के लिए लाभदायक होने के साथ ही काम उत्तेजना बढ़ाने वाली होती है। कस्तूरी कुष्ठ रोग, कील—मुहासों, कफ, वात, पसीने के बदबु को हटाने, तृष्ठा, मूर्छा, खांसी और जुखाम को ठीक करने के लिए उपयोगी होता है।

यूनानी डॉक्टरों के अनुसार कस्तूरी यूनानी इलाज में काफी महत्वपूर्ण है। दिल, दिमाग, कामेन्द्रिय, फेफड़ों आदि शरीर के अन्य अंगों को मजबूत करने वाली मानी जाती है कस्तूरी। यह भी माना जाता है कि जहर के प्रभाव को कम करने की शक्ति इसमें पायी जाती है। इसको सूंघने से जुखाम और सर्दी में फायदा होता है। आंखों में धुन्ध और पुतली में लगा जाला कट जाता है। हृदय रोगियों के लिए यह बहुत उपयोगी होती है। इसके प्रयोग से हृदय रोग में लाभ होता है। जिन्हें सांस की बिमारी होती है उसमें भी उनको इसके प्रयोग से लाभ होता हैं, दमा के रोगियों, पुरानी खांसी, कफ के दोष, मुंह से बदबु आना, पीलिया, कमजोर आंखों, चेहरे में समय से पहले झुर्रियां आना, मोटापन, सूजन, कमजोरी, नामर्दी में कस्तूरी का प्रयोग लाभदायक होता है।

जिन महिलाओं में गर्भाशयम अपने मूल स्थान से हट गया हो, उसको पुन: अपने स्थान पर लाने के लिए कस्तूरी और केशर को बराबर मात्रा में लेकर पीस लेना चाहिए तथा गोलियां बनाकर मासिक धर्म के शुरू होने से पहल योनी मुख में रखना चाहिए। तीन से चार दिन में यह प्रक्रिया करने से आपको लाभ होगा।

कस्तूरी के प्रयोग से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधकता क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसमें प्रचूर मात्रा में विटामिन ई और सी पाये जाते हैं जो कस्तूरी को एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटीऑक्सीडेंट बनाते हैं।

यह रासायनिक क्रिया के दौरान के दौरान रोगाणुओं के विरूद्ध लड़ने में मदद करता है जिससे हम रोगों से सुरक्षित रह सकें। कस्तूरी के सेवन से हमारा दिल स्वस्थ रहता है। इसमें मैग्नीशियम और पोटेशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

कस्तूरी के प्रयोग से हमारे हृदय की धमनियों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है जिससे हमारे शरीर में रक्त प्रभाव ठीक बना रहता है। इसके साथ ही यह धमनियों में होने वाले ब्लाकेज को भी नहीं होने देता है जिससे हमारा हृदय सही प्रकार के काम करता है और वह स्वस्थ्य रहता है। आंखो के स्वास्थ्य के लिए जिंग को बहुत अच्छा तत्व माना जाता है और कस्तूरी में यह प्रचूर मात्रा में पाया जाता है इसकी कारणवश कस्तूरी को आंखों के लिए एक वरदान कहा जाता है। जिंग हमारी आंखो की रोशनी को बढ़ाने में मदद तो करता ही है साथ ही हमारी रेटिना को भी  स्वस्थ रखता है।

हड्डियों को मजबूती देने व उसे स्वस्थ्य रखने के लिए कैल्शियम, आयरन, कॉपर, जिंक  और अन्य तत्वों की आवश्यकता होती है और यह सब कस्तूरी में बहुत अधिक मात्रा में प्राप्त होते हैं। साथ ही हड्डियों गठिया रोग में होने वाले दर्द को कम करने के लिए भी कस्तूरी में सेलेनियम नामक मिनरल होता है।

सेक्सुअल हेल्थ के लिए कस्तूरी के फायदे

कस्तूरी जिंक की प्रचूर मात्रा पाई जाती है जो टेस्टोस्टेरोन को बनाने में सहायता करता है। यह शरीर में पैदा होने वाले वाला एक हार्मोन है जो यौन गतिविधियों को नियंत्रित रखता है। यह इंटिमेसी के समय हार्मोन के बनने में पुरुषों व महिलाओं  की सहायता करता है।

भालू की पित्ती

ऐसी मान्यता है कि भालू के अण्डकोष और पित्त की थैली से बनी दवाई से सेक्स पॉवर बढ़ता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऐसी धारणा है कि भालुओं की पित्त की थैली में बनने वाला तरल पदार्थ सेक्स पॉवर बढ़ाने के साथ-साथ कई और तरह की दवाओं को बनाने में काम आता है।

इसीलिए भालू तस्करों के निशाने पर रहते हैं. वहीं सेंटर में भालुओं के अण्डकोष को लेकर लग रहे आरोपों के पीछे चर्चा है कि अण्डकोष से नेपाल, बांग्लादेश और चीन में दिग (अफोर्ड एशिसा) नाम की दवाई बनाई जाती है। ये दवाई सेक्स पॉवर को बढ़ाने के काम आती है।