नकोट कस्बे में बाघ का आतंक, पहले गाय और अब उसके बछडे़ को बनाया अपना शिकार, प्रशासन मौन

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    नकोट कस्बे में बाघ का आतंक, पहले गाय और अब उसके बछडे़ को बनाया अपना शिकार, प्रशासन मौन
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    मखलोगी प्रखण्ड के ग्रामीण कस्बा नकोट में इन दिनों बाघ का आतंक बना हुआ है। अभी तक यह पशुभक्षी बाघ दो गौवंश समेत कई कुत्तों को अपना निवाला बना चुका है। गोवर्धन पूजा के दिन इस बाधिन द्वारा कस्बे के निकट एक गाय को अपना शिकार बनाया गया और उसके बछडे़ पर भी हमला करके घायल कर दिया गया था।

    [su_highlight background=”#091688″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी, नकोट[/su_highlight]

    बाध द्वारा अपना निवाला बनाई गई मृत गाय को नकोट के युवाओं द्वारा सड़क से हटवाया गया। बाघ के आतंक की सूचना दूरभाष से वन विभाग को भी उपलब्ध करवायी गई। मगर प्रशासन द्वारा इसके उपरांत भी कोई सार्थक प्रयास नहीं किए गए। फोटो में दिखाये गए और बाघ द्वारा गत रात्रि अपना शिकार बनाये गए मृत गाय के घायल बछडे़ का स्थानीय व्यापारियों एवं गौभक्त युवाओं द्वारा उपचारित करवाया गया था। गत रात्रि उक्त बाघिन द्वारा गाय के उक्त बछड़े को भी बाजार के निकट अपना शिकार बनाया गया है।

    बाघ के इस आतंक से कस्बे के नागरिकों में दहशत का माहौल व्याप्त है। कस्बे के नागरिकों ने बताया कि इस बाघ के साथ दो बच्चे भी हैं और ये सांझ ढलते ही बाजार के निकट दिखाई देते हैं। जिस कारण कस्बे के अधिकांश नागरिक सांझ होते ही घरों में दुबकने को मजबूर हो जाते हैं। क्योंकि यह बाघ बाजार के कुत्तों व पालतू कुत्तों पर हमला करने के साथ कई कुत्तों को भी अपना निवाला बना चुका है।

    व्यापार सभा नकोट एवं स्थानीय जन-प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से उक्त बाघ को बच्चों समेत पकड़े की प्रबल मांग करते हुए कहा है कि अभी तक तो यह बाधिन जानवरों पर ही हमला कर रही है, लेकिन यही हालात रहे और बाघ को पकड़ा नहीं गया तो यह भविष्य में इंसानों पर भी हमला कर सकती है संभवतया यह बाघिन ही प्रतीत होती है, क्योंकि इसके साथ दो बच्चे भी हैं। उजपा के जिला उपाध्यक्ष दौलत सिंह मखलोगा ने अतिशीघ्र बाध को पकड़ने हेतु कस्बे के निकट पिंजरा लगवाने समेत क्षेत्रीय नागरिकों को दहशत से उबारने की मांग की है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि अतिशीघ्र बाघ को पकड़कर कस्बावासियों को भयमुक्त नहीं किया जाता तो इसके खिलाफ नागरिकों को आंदोलनात्मक कार्यवाही को विवश होना पड़ेगा।

    वन विभाग के फारेस्टर ने बाघ द्वारा मारे गए बछड़े का घटना स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया।

    कसबे में वन विभाग के फारेस्टर ओमप्रकाश कुकरेती ने बाघ द्वारा मारे गए बछड़े का घटना स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया। उन्होंने घटना स्थल के मौके के बाद कहा कि बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगवाया जाना उनके स्तर की बात नहीं है, इसके लिए स्थानीय प्रधानों को प्रभागीय वनाधिकारी से लिखित आवेदन करना होगा।