लम्बी तपस्या का प्रतिफल है नगर पालिका परिषद चंबा को स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में राज्य स्तर पर मिला द्वितीय और राष्ट्रीय स्तर पर 52वां स्थान

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लम्बी तपस्या का प्रतिफल है चंबा नगर परिषद को स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में राज्य स्तर पर मिला द्वितीय और राष्ट्रीय स्तर पर 52वां स्थान
Chamba City
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कहते हैं, “रोम का साम्राज्य एक दिन में नहीं बना।” नगर पालिका परिषद चंबा, टिहरी गढ़वाल को विगत वर्ष भी स्वच्छता में A++ का दर्जा मिला था नगर पालिका परिषद चंबा को इस वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में राज्य स्तर पर द्वितीय और राष्ट्रीय स्तर पर 52वां स्थान मिलना। किसी उपलब्धि से कम नहीं है। यह एक लंबी तपस्या का प्रतिफल है। चंबा शहर नगर पंचायत के रूप में अस्तित्व में जब से अस्तित्व में आया है तभी से स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए अनेक प्रयास चंबा क्षेत्र में किए गए।

सरहद का साक्षी @कवि:सोमवारी लाल सकलानी, निशांत

जन जागरूकता के कार्य भी महत्वपूर्ण होते हैं और बिना जन सहयोग और जन जागरूकता के कोई भी कार्य असंभव है। भले ही श्रेय किसी को भी मिले, लेकिन यह दशकों से किए गए प्रयासों का प्रतिफल है। दो दशक पूर्व चंबा में गंदगी के अंबार लगे हुए रहते थे। प्लास्टिक और पॉलिथीन प्रोडक्ट का साम्राज्य यहां विद्यमान था। कूड़ा यत्र- तत्र पर बिखरा हुआ मिलता था, लेकिन जब से नगर पंचायत बनी तभी से ही चेतना जागृत हुई।

नगर पंचायत के प्रथम चेयर पर्सन पीयूष उनियाल तथा कालांतर में अध्यक्ष बहुत ही  सूरज राणा के प्रयासों से स्वच्छता के प्रति विशेष ध्यान दिया गया। इसमें स्वच्छक भाइयों का योगदान भी सर्वोपरि है। नगर पालिका परिषद में स्थानांतरित अधिशासी अधिकारी शांति प्रसाद जोशी का प्रयास भी सराहनीय है। जिन्होंने वर्तमान अध्यक्ष सुमना रमोला की अध्यक्षता में अनेकों महत्वपूर्ण कार्य शहर स्वच्छता के बारे में किए जिसमें शहर कूड़ा निस्तारण का कार्य सर्वोपरि है।

इसके लिए वर्तमान अध्यक्ष सुमन रमोला तथा पूर्व अधिशासी अधिकारी शांति प्रसाद जोशी के प्रयासों का चंबा नगर चिर ऋणी है। समय-समय पर चंबा की स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता लाने में मैं भी छोटा-मोटा प्रयास करता रहा। चाहे वह झोला-थैला अभियान के रूप में हो या अपने साहित्य और कविताओं के माध्यम से।नगर पालिका परिषद में बनवाए जाने वाले स्वच्छता जन जागरूकता बोर्ड जो कि प्रत्येक वार्ड में स्थापित हैं, उनके द्वारा या अपने कैलेंडर्स  द्वारा इस अभियान का हिस्सा रहा हूं। परिणाम यह हुआ कि नगर पालिका परिषद चंबा ने इस बात को संज्ञान में लिया और  सम्मान प्रदान किया, “चंबा नगर पालिका परिषद के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर” के रूप में सम्मानित करने का। इसके लिए मैं नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष सुमन रमोला का आभार व्यक्त करता हूं। दो दशक पूर्व चंबा की स्थिति यह थी कि मुझे अपनी कविताओं में लिखना पड़ा-

 “कूड़ा- कर्कट ढेर पड़े हैं/
       शौचालय तक सोख लिए हैं/
       संकरी सड़कें तंग नालियां/
       उनके ऊपर ठेकेदार खड़े हैं।”
                या
      “यहां ना बाजार है, न मजार है।
       पालिथीन की थैलियों से सिमटा हुआ संसार है”।

यही नहीं 27 नवंबर 2012 को मैंने अपने घर पर अपना जन्मदिन स्वच्छता-अभियान के रूप में मनाया। यह एक बड़ी पहल के रूप में मैं मानता हूं। जिसके  सुखद परिणाम आज सामने देखने को मिल रहा हैं। इसमें पूर्व नगरपालिका नगर पंचायत के अध्यक्ष सूरज राणा का योगदान भी निहित है।

आज चंबा शहर एक सुंदर आकर्षक और स्वच्छ शहर के रूप में नजर आ रहा है। अभी सीवर लाइन आदि अन्य सुविधाओं का विस्तार होना लाजमी है लेकिन जो कुछ हो रहा है उसमें आरंभिक अधिशासी अधिकारी टी0आर0 उनियाल, पीयूष उनियाल, स्व.बलबीर पंवार, सूरज राणा, विक्रम पंवार तथा सुमना रमोला का योगदान के साथ-साथ हमारे पूर्व अधिशासी अधिकारी शांति प्रसाद जोशी और हमारे स्वछक भाइयों का भी योगदान है। वर्तमान अधिकारी अधिशासी अधिकारी शिव कुमार चौहान से भी अनुरोध है कि वह भी और बेहतर कार्य नगर पालिका परिषद को स्वच्छ शहर के रूप में आगे बढ़ाने का प्रयास करते रहेंगे जिसके परिणाम परिलक्षित है।

जन जागरूकता जरूरी है यह बात मैं समय-समय पर सभा गोष्ठी और कविताओं, अपने आलेखों से प्रस्तुत करता रहता हूं तथा  क्रियान्वयन भी करता हूं। 20 वर्षों से नगर पालिका परिषद चंबा में मेरी झोला-क्रांति चल रही है। आज भी दुकानदार पालीथीन की थैली में मुझे सामान देने से कतराते हैं और कुछ लोग तो झोलावाला मास्टर भी कहते हैं।

छोटी छोटी इकाइयों के द्वारा ही बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है। हमारी नगर पालिका परिषद में इस समय कई जागरूक सभासद मौजूद हैं। विशेष रूप से मै विक्रम सिंह चौहान,  शक्ति जोशी और रघुवीर रावत  का नामोल्लेख करना चाहूंगा, जो कि स्वच्छता के प्रति संवेदनशील हैं। इसके अलावा अन्य  सभासद भी कमोबेश इस अभियान का हिस्सा हैं।

शहर सौंदर्य करण हमारा लक्ष्य होना चाहिए। एक बार चंबा में धनवीर पंवार ज्वैलर्स ने मुझसे पूछा, “गुरु जी, इस बार दीपावली में क्या गिफ्ट दिया जाए ?” क्योंकि इससे पूर्व वे कैलेंडर्स अपने ग्राहकों को देते थे या बड़े ग्राहकों को मिठाई का डिब्बा या घड़ी (वाल वॉच ) भेंट करते रहे। मैंने कहा कि इससे बेहतर कार्य है कि तुम बैग बनाओ और उन पर “सुंदर चंबा- स्वच्छ चंबा” प्रिंट कराओ और अपने ग्राहकों को दो धनवीर पंवार ने मेरी बात को माना और आज चंबा के उनके अधिकांश ग्राहकों के पास  “सुंदर चंबा-स्वच्छ चंबा” लिखे हुए श्रीराम ज्वेलर्स के बैग दिखाई देते हैं।

यह मुहीम पॉलिथीन उन्मूलन में यह सहायक सिद्ध हुई। साथ ही जन जागरूकता भी बढी है। कोरोना काल में जब मैं अभियान का हिस्सा था तो मेरा बैग मेरे साथ कई राष्ट्रीय समाचार पत्रों में भी कंधे में लटकता हुआ नजर आया। इसे मैं एक उपलब्धि के रूप में मानता हूं और लोगों ने इसकी सराहना भी की है।

कूड़ा निस्तारण तथा स्वच्छता के साथ साथ हमें अन्य बातों पर भी अभी ध्यान देना है। जिसकी कि मैं समय-समय पर पहल करता रहा हूं। चाहे वह अपने पुत्र- पुत्रियों की शादी में “शराब नहीं- संस्कार” नारे कार्ड के ऊपर छपवा कर किया हो या अपने पुत्र पुत्री की शादी में एक भी पटाखा नहीं फोड़ने दिया। जिससे कि प्रदूषण न हो। स्वयं मै दीपावली बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाता हूं लेकिन पटाखे और आतिशबाजी से हमेशा परहेज करता रहा हूं क्योंकि पटाखे व आतिशबाजी प्रदूषण के साथ-साथ वातावरण को भी दूषित करते हैं। एक नहीं कई प्रकार से प्रदूषण के खतरे उत्पन्न होते हैं। जैसे- ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण आदि।

एक बार पुनः नगर पालिका परिषद चंबा की अध्यक्ष सुमना रमोला, अधिशासी अधिकारी शिव कुमार चौहान, उनके कार्यालय सहयोगियों तथा अपने स्वच्छक भाइयों सहित समस्त सभासदों को स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 के लिए राज्य स्तर पर द्वितीय और राष्ट्र स्तर पर 52वां स्थान प्राप्त करने के लिए हार्दिक बधाई।