नयी रोशनी के रखवाले, जिन्होंने 41 साल से हाकी में ओलंपिक मेडेल के अकाल को खत्म करके ही लिया दम

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नयी रोशनी के रखवाले, जिन्होंने 41 साल से हाकी में ओलंपिक मेडेल के अकाल को खत्म करके ही लिया दम
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[su_button background=”#8b16e6″ size=”2″]सरहद का साक्षी, नई दिल्ली: [/su_button] 41 साल से हाकी में ओलंपिक मेडेल के अकाल को खत्म करके उन्होंने दम लिया। यह थी भारतीय हाकी की पुरूष टीम जिसने टोक्यो ओलंपिक 2020 में ऐतिहासिक विजय हासिल कर भारत को उसके हाकी के पुराने गौरव की चमक से रोशन कर दिया। टोक्यो ओलिंपक मे जीता गया वह ब्रांज मेडल महज एक पदक नहीं था बल्कि करोड़ों देश वासियों की आशा और सपने का पूरा होना है।

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एक समय था जब भारत विश्व में हाकी का सिरमौर था। धीरे धीरे एस्टोटर्फ के आगमन और खेल के नियमों में अभुतपूर्व बदलाव के चलते भातीय हाकी समय के साथ ताल मेल बिठाने मे नाकाम होने लगी और विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में वह बुरी तरह पिछड़ गयी। लेकिन धूल से उठ कर फिर शिखर की ओर का सफर शुरू हुआ और आखिरकार मनप्रीत सिंह की कैप्टनशिप में हाकी ओलंपिक में भारत के नाम एक और मेडल दर्ज हो गया।

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इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम को बधाई देते हुए कहा “ये नया भारत है, आत्मविश्वास से भरा भारत है। ये एक ऐतिहासिक दिन है, जो हर भारतीय के जेहन में हमेशा मौजूद रहेगा। टीम इंडिया को ब्रॉन्ज घर लाने के लिए बधाई। उन्होंने हमारे देश के युवाओं को नई उम्मीद दी है।“ प्रधानमंत्री जब विजेता टीम से मिले तो टीम ने हाकी स्टिक पर सभी खिलाड़ियों के हस्ताक्षर कर उन्हें स्टिक भेंट में दी।

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अब यह स्टिक प्रधानमंत्री को मिले उपहारों की ई-ऑकशन में शामल की गयी है। जो भी इस स्टिक को हासिल करना चाहे वह pmmementos.gov.in/ पर चल रही ई-ऑकशन में हिस्सा ले सकता है। 17 सितंबर से शुरू हुई यह ई-ऑकशन7 अक्टूबर तक चलेगी।

इससे जो भी राशि हासिल होगी वह देश की जीवनदायनी नदी गंगा के संरक्षण और कायाकल्प कार्यक्रम नमामि गंगे परियोजना पर खर्च की जाएगी।