तिरंगे में लिपटा पैतृक गांव पहुंचा शहीद प्रवीण का शव, अंतिम विदाई देने उमड़ा हुजूम

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तिरंगे में लिपटा पैतृक गांव पहुंचा शहीद प्रवीण का शव, अंतिम विदाई देने उमड़ा हुजूम
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देशसेवा करते दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सेना के जवान प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर आज सुबह उनके पैतृक गांव टिहरी घनसाली पहुंच गया है। तिरंगे में लिपटे हुए जब जवान का शव पंहुचा तो उनके अंतिम दर्शन को पूरे गांव में जन सैलाब उमड़ पड़ा। हर आंख नम हो गई। परिजन बेसुध हो गए। जवान बेटे की शहादत से हर कोई टूट गया है। इससे पहले एयरपोर्ट पर शहीद प्रवीण सिंह को सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

दक्षिण कश्मीर के शोपियां में बीते गुरुवार को एक बम धमाके में टिहरी गढ़वाल के भिलंगाना ब्लाक के पांडोली गांव हाल निवासी लक्ष्य एनक्लेव बंजारावाला देहरादून निवासी प्रवीण सिंह एक बम धमाके में घायल हो गए थे। जहां उपचार के दौरान उन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दे दिया। बलिदानी प्रवीण वर्ष 2011 में सेना में भर्ती हुए थे और 15वीं गढ़वाल राइफल में कश्मीर में तैनात थे। प्रवीण का विवाह वर्ष 2014 में अमिता से हुआ था। वह अपने पीछे छह वर्षीय पुत्र वंश को भी छोड़ गए है। 27 मई को ही वह अपनी छुट्टियां बिताकर दोबारा ड्यूटी पर गए थे।

बताया जा रहा है कि बलिदानी प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर जम्मू से वायु सेना के विशेष विमान से शुक्रवार शाम साढ़े छह बजे जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट लाया गया। शनिवार सुबह उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास ले जाया गया। गांव से नजदीक मल्गढ़ में बलिदानी की अंतिम यात्रा के लिए गांव के लोग अपने वाहनों पर शहीद की फोटो और तिरंगा लगाकर पहुंचे। गांव के पास बलिदानी को अंतिम विदाई देने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा है। हर आंख नम दिखाई दे रही है।

वहीं शुक्रवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उत्तराखंड के सपूत को श्रद्धाजंलि देते हुए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार बलिदानी प्रवीण सिंह के परिवार के साथ खड़ी है। सरकार की ओर से बलिदानी के लिए जो अनुमन्य राशि निर्धारित की गई है। वह परिवार को जल्द पहुंचाई जाएगी। साथ ही बलिदानी के गांव में किसी विद्यालय या मार्ग का नाम बलिदानी प्रवीण सिंह के नाम पर रखा जाएगा।