कोरोना महामारी से बचने के लिए, स्वच्छता की मुहिम चलाने के लिए, जन जागरूकता फैलाने के लिए, गांव- शहर और परिवेश को स्वस्थ और आकर्षक बनाए रखने के लिए, समय-समय पर अनेकों नारे गढ़ता रहा हूं।
सोशल मीडिया के द्वारा, रैली- गोष्ठियों,सुझावों के द्वारा, घर- गांव, शहर में जागरूकता बढ़ता रहता हूं। सतर्कता में ही रोग का निदान निहित है। स्वास्थ्य एक वरदान है। इस लिए हमें जीवन के महत्व को समझते हुए, स्वच्छता और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
बेबसी, बेचैनी और रोने- धोने से काम नहीं चलता। हमें ध्यान देने की जरूरत है। इसी अन क्रम में आज पुनः कुछ नारे प्रस्तुत कर रहा हूं। आशा है, आप अनुकरण करेंगे।
[su_highlight background=”#091688″ color=”#ffffff”]@कवि :सोमवारी लाल सकलानी, निशांत।[/su_highlight]
कोरोना बचाव हेतु कुछ नारे_
01 – अदृश्य रोग महामारी- कोरोना ।
रोग बीज तुम घर मत बोना ।
02- मास्क लगाकर बाहर निकलो ।
हाथ मुख साबुन से तुम धो लो।
03- रोग बचाव यह उपाय अनोखा।
सोशल डिस्टेंसिंग पालन करना।
04- सर्दी लगने से बच कर रहना।
हल्दी तुलसी का काढ़ा पीना।
05- तकलीफ सांस की यदि होवे।
वैद्य परामर्श लेकर ही सोवें।
06- बाहर जाना यदि बहुत जरूरी ।
रखे बनाकर दो गज की दूरी ।
07- सांस बीमारी है- कोरोना ।
बार-बार हाथ मुंह को धोना।
08- फैल जाए यदि कोरोना।
दूरी उचित बनाकर सोना ।
09- खानपान है बहुत जरूरी ।
सोशल डिस्टेंसिंग या दूरी ।
10- ईलाज करवाना जिम्मेदारी,
थम जाएगी यह महामारी।
11 – सीत सर्दी से बचकर रहना,
हल्दी- तुलसी काढ़ा पीना।
12- कोविड- 19 छूत बीमारी,
बेहाल है – दुनिया सारी।
13 – मोदी जी का है- नारा।
स्वस्थ देश जग रहे हमारा।
14- मास्क पहनकर बाहर जावें।
हाथ मुंह धोकर भीतर आवें।
15- अफवाहों से बचकर रहना।
बेचैनी मन कभी न भरना।
16- साफ- स्वच्छ घर आंगन रखें,
स्वच्छ परिवेश में खेंलें बच्चे।
17- कूड़ा-कर्कट गंदगी ना फैलाओ,
जोड़ो हाथ- पर नहीं मिलाओ।