बनारस के अंतर्राष्ट्रीय मन्दिर सम्मेलन में श्रीघण्टाकर्ण घाम को मिली नई पहचान

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बनारस के अंतर्राष्ट्रीय मन्दिर सम्मेलन में श्रीघण्टाकर्ण घाम को मिली नई पहचान

सम्मेलन में ट्रस्ट पदाधिकारियों ने किया प्रतिभाग

रोप-वे से जुड़ेगा श्रीघण्टाकर्ण धाम मन्दिर, बर्थेलो कम्पनी से हुई वार्ता

राष्ट्रीय मन्दिरों की सूची में शामिल होगा श्रीघण्टाकर्ण धाम मन्दिर

बनारस (उ.प्र.)/Gaja, Tehri: बनारस के अंतर्राष्ट्रीय मन्दिर सम्मेलन में श्रीघण्टाकर्ण घाम को भी पहचान मिली है। इस महासम्मेलन में श्रीघण्टाकर्ण धाम मन्दिर के ट्रस्ट पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया था।

रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर बनारस, में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन कार्यक्रम ( ITCX- International Convention of Temples and Expo) के उद्घाटन सत्र में श्रीघण्टाकर्ण धाम मन्दिर के ट्रस्ट पदाधिकारियों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक डॉ. मोहन भागवत का मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ। देश विदेश के प्रमुख मंदिरों के लगभग 1250 ट्रिस्टयों ने इस कार्यक्रम में परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से जुड़कर प्रतिभाग किया।

आपको बताते चलें कि काशी विश्वनाथ जी के दर्शन व पौराणिक श्रीघंटाकर्ण मन्दिर स्थित घंटाकर्ण तालाब इस स्थान के बारे में कहा जाता हैं कि इसी स्थान पर काशी विश्वनाथ जी ने भगवान घंटाकर्ण को बद्रीनाथ जी की तपस्या के लिए मार्गदर्शन दिया था।

काशी खण्ड, अध्याय 53, श्लोक 37

घण्टाकर्णहृदे स्नात्वा दृष्ट्वा व्यासेश्वरं विभुम् यत्र कुत्र विपन्नोऽपि वाराणस्यां मृतो भवेत्।

घंटाकर्ण (कर्णघंटा) के कुंड में नहाकर और भगवान् व्यासेश्वर का दर्शन करके यदि कोई मानव कहीं पर भी मरे तो काशी (वाराणसी) में ही मरने का फल मिलता है।

बनारस के अंतर्राष्ट्रीय मन्दिर सम्मेलन में श्रीघण्टाकर्ण घाम को मिली नई पहचानकार्यक्रम आयोजक महाराष्ट्र सरकार विधान परिषद के सदस्य श्री प्रसाद लाड व टेम्पल कमेटी के संस्थापक श्री गिरीश कुलकर्णी, के अथक प्रयासों से इस सम्मेलन के प्रतिभागियों को ऊर्जा और संसाधनों का सदुपयोग कर पूरी दुनिया के मंदिरों की जानकारी, आपसी समन्वय, मंदिरों के प्रबंधन और मन्दिर संचालन के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला।

श्रीघण्टाकर्ण घाम ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय प्रकाश बिजल्वाण ने बताया कि इस सम्मेलन में प्रतिभाग कर उन्हें श्रीधण्टाकर्ण धाम मन्दिर के भविष्य के विकास की संभावना भी दिखती है। उन्होंने कहा कि देश दुनिया के लोग मंदिरों का विकास किस तरीके से कर रहे हैं। इतने बड़े कार्यक्रम में श्रीघंटाकर्ण धाम मन्दिर ट्रस्ट को आमंत्रित करना और हमारी वहां पर उपस्थिति हम सभी के लिए गौरवान्वित होने के साथ महत्वपूर्ण थी।

कहा कि इतने बड़े कार्यक्रम में शामिल होना घंटाकर्ण की कृपा से ही सम्भव है और इस तरह के आयोजन एवं कार्यक्रम से भविष्य में धाम का विकास करने में काफी कुछ सीखने को मिलता है।

बताया कि शीघ्र ही मन्दिर को रोप-वे से जोड़ने की बर्थेलो कम्पनी से बात हुई है, जिसके लिए जल्द ही ट्रस्ट की सहमति से सर्वेक्षण करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रीघंटाकर्ण धाम मन्दिर को राष्ट्रीय मंदिरों की सूची में शामिल करने का भी प्रयास किया जाएगा।

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