ॐ गोवर्द्धनधराय नम:
*गोवर्द्धन धराधार गोकुलत्राणकारक*
*बहुबाहुकृतच्छाय गवां कोटिप्रदो भव*
*लक्ष्मीर्यालोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता*
*घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु*
*गोविन्दं गोकुलानन्दं गोपालं गोपिवल्लभम्*
*गोवर्द्धनधरं धीरं तं वन्दे गोमतीप्रियम्*
*योगेश्वरं यज्ञपतिं यशोदानन्ददायकम्*
*यमुनाजलकल्लोलं तं वन्दे यदुनायकम्*
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा अर्थात दीपावली के अगले दिन यह गोवर्धन उत्सव मनाया जाता है। आज गायों की सेवा का विशेष महत्व है।
[su_highlight background=”#091688″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी @ई०/पं०सुन्दर लाल उनियाल[/su_highlight]
हिन्दु धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण जी ने गोवर्धन पूजा की थी और इंद्र देवता के अंहकार को तोड़ा था। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा के बजाय गोवर्धन की पूजा शुरु करवाई थी। *ऐसी मान्यता है कि इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उनकी पूजा की जाती है, यह प्रथा एवं परम्परा भगवान श्रीकृष्ण के द्वापर युग से नियमित रुप से चली आ रही है।
गोवर्द्धन पूजा तथा अन्नकूट के पावन अवसर पर आप तथा आपके समस्त परिवार व सभी स्नेहीजनों को *हम सबकी ओर से बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं।*
गोवर्द्धन गिरिधारी भगवान श्रीकृष्ण के जीवन का मुख्य उद्धेश्य, स्वरूप और उसके सदुपयोग के साथ साथ मानव से भिन्न अन्य जीवों तथा प्रकृति का संरक्षण और संवर्धन किस प्रकार किया जाय, भगवान श्रीकृष्ण द्वारा इन त्यौहारों के माध्यम से आम मानव को सरलता व सहजता से समझाने का प्रयास किया गया है।
*कछु माखन को बल बढ्यौ कछु गोपन करी सहाय*
*श्रीराधे की कृपा सों गिरिवर लियौ उठाय*
*ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने*
*प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः*
भगवान श्रीराधामाधव, गाय माता माँ भगवती सरस्वती व भगवान इन्द्रदेव की असीम कृपा हमारे देश के सभी कृषकों, पशुपालकों, कारीगरों, श्रम जीवियों के साथ साथ आप सभी पर भी बनी रहे।
ऐसे पवित्र त्यौहारों के पुनीत अवसर पर हम सभी का नैतिक कर्तव्य है कि हम सभी मिलकर किसी न किसी रूप से गौवंश का सही ढ़ंग से पालन पोषण कर उनका संरक्षण व संवर्धन करने में पूर्ण मनोयोग से इस दिशा में सकारात्मक सहभागिता निभाने का प्रयास कर जीवों व प्रकृति का भी सहयोग करें।
आप तथा हमारा गौवंश सदैव सुखी, स्वस्थ एवं निरोगी हो,आप सबके सभी मन मनोरथ पूर्ण हों श्रीचरणों से प्रतिपल यही कामना व प्रार्थना करते हैं।
नैतिक शिक्षा व आध्यात्मिक प्रेरक, दिल्ली/इन्दिरापुरम, गा०बाद/ देहरादून*