विश्व हिन्दी दिवस पर कविता: भारत की आत्मा है- हिन्दी

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श्रीलंका का अर्थ तंत्र डामाडोल: जनाक्रोश या जनक्रांति!
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राष्ट्रभाषा हिन्दी।
बोलचाल की भाषा हिन्दी।
अभिव्यक्ति की भाषा हिन्दी।
हिन्दुस्तान की सर्वाधिक जनसंख्या की भाषा हिंदी।

कवि, लेखक, साहित्यकारों की भाषा हिन्दी।
संस्कृत और संस्कृति की पुत्री हिन्दी।
देशज,विदेशी भाषाओं को आत्मसात किये हिंदी ,
विकास की पहचान हैमातृभाषा हिन्दी।

विश्व साहित्य की अनमोल धरोहर है हिन्दी।
धार्मिक भावों से भरी हुई हिन्दी।।
समन्वय,एकता ,भाई चारे की मिशाल है हिन्दी।
मां की गोदी में बैठकर सीखी है हिन्दी।

भारत की आत्मा है हिन्दी।
सूर,कबीर,तुलसी, की भाषा है हिन्दी।
प्रसाद,पंत, निराला,नीरज की भाषा हिंदी।
अज्ञेंय,बच्चन,शिवानी, महदेवी की भाषा,
पीताम्बर,वर्त्वाल,सुमन की भाषा हिन्दी।

पठन- पाठन का माध्यम भी हिन्दी।
संस्कारों की पावन  धात्री है – हिंदी।
नवाचार,संप्रेषण, समन्वय की भावना,
देश की आधुनिक पहचान है -हिंदी,
कवि निशांत आत्मा की आवाज है- हिंदी।

[su_highlight background=”#091688″ color=”#ffffff”]@कवि:सोमवारी लाल सकलानी,निशांत[/su_highlight]