पोखरी क्वीली में श्रीदेव सुमन की जयंती के उपलक्ष्य पर महाविद्यालय परिवार ने उन्हें किया याद

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पोखरी क्वीली में श्रीदेव सुमन की जयंती के उपलक्ष्य पर महाविद्यालय परिवार ने उन्हें किया याद
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राजकीय महाविद्यालय पोखरी क्वीली में महाविद्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा श्रीदेव सुमन की जयंती के अवसर पर महाविद्यालय पोखरी के द्वारा उनके छाया चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की गई।

सरहद का साक्षी, नरेंद्र बिजल्वाण @पोखरी 

इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ0 शशिबाला वर्मा ने उनको याद करते हुए उनके जीवन पर विचार रखे है जैसे कि श्रीदेव सुमन का जन्म उत्तराखंड के टिहरी राज्य में हुआ था। ये वही टिहरी है, जहाँ पर आज एशिया का सबसे ऊँचा बाँध स्थित है। इस विशाल जलाशय को इन्हीं श्रीदेव सुमन के नाम पर ‘श्रीदेव सुमन सागर’ के नाम से भी जाना जाता है।

श्रीदेव सुमन का जन्म ऐसे समय में हुआ था, जब जनता राजशाही को ही आखिरी फरमान समझती थी। तब प्रशासन के अधिकारी ही जनता पर मनमर्जी थोपते थे 25 मई, 1915 को श्रीदेव सुमन ने टिहरी के ही जौल गाँव में जन्म लिया था। हालाँकि, टिहरी रियासत को अंग्रेज कभी भी अपना गुलाम नहीं बना पाए थे, लेकिन यहाँ की हर कार्यवाही में उनका खुला हस्तक्षेप था।30 दिसम्बर, 1943 से 25 जुलाई, 1944 तक 209 दिन सुमन ने टिहरी की नारकीय जेल में बिताए।

इस अवसर पर डॉ0 राम भरोसे, डॉ वंदना सेमवाल, डॉ0 सुमिता पंवार, डॉ0 मुकेश सेमवाल, डॉ0 विवेकानन्द भट्ट, श्रीमती रचना राणा, श्रीमती रेखा नेंगी, श्री अंकित कुमार, अमिता, नरेन्द्र बिजल्वाण, दीवान सिंह, सुनीता आदी भी उपस्थित रहे है।