नैनीताल हाईकोर्ट: डीएलएड अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक बनने का रास्ता हुआ साफ

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नैनीताल हाईकोर्ट ने डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को राहत देते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। जिससे डीएलएड अभ्यर्थियों के लिए शिक्षक बनने का रास्ता साफ हो गया है।

हाईकोर्ट नैनीताल ने डीएलएड (NIOS) प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर हो रही नियुक्ति प्रक्रिया की काउंसलिंग में शामिल करने के आदेश दिए है।

कोर्ट के इस आदेश से करीब 37 हजार डीएलएड अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी। कोर्ट के इस फैसले के बाद अभ्यार्थियों में खुशी की लहर है।

रिपोर्टस के अनुसार हाईकोर्ट नैनीताल ने डीएलएड (NIOS) प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों पर हो रही नियुक्ति प्रक्रिया की काउंसलिंग में शामिल करने को लेकर दायर की गई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई।

खंडपीठ ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ताओं को काउंसलिंग में शामिल किया जाए। काउंसलिंग से बाहर निकालने के बाद उन्होंने कोर्ट की शरण ली और कोर्ट ने आखिरकार राजकीय प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पदों की नियुक्ति प्रक्रिया में इन अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में शामिल करने का निर्णय सुना दिया है।

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को काउंसलिंग में शामिल करने के निर्देश सरकार को दे दिए हैं और कोर्ट के आदेश से तकरीबन 37 हजार डीएलएड अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी।

पूर्व में कोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने से रोकने वाले 10 फरवरी 2021 के शासनादेश पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी।

बताया जा रहा है कि नैनीताल के नंदन सिंह बोहरा, निधि जोशी, गंगा देवी, संगीता देवी, गुरमीत सिंह और सुरेश चंद्र ने याचिका दायर कर राज्य सरकार को 10 फरवरी 2021 के निर्णय को गलत ठहराते हुए चैलेंज दिया था।

कोर्ट में उन्होंने याचिका दायर करते हुए कहा कि 2019 में एनआईओएस के दूरस्थ शिक्षा माध्यम से उन्होंने डी एल एड की डिग्री प्राप्त की है। उनकी इस डिग्री को मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार व एनसीटीई ने मान्यता भी दी है। 16 दिसंबर 2020 को मानव संसाधन मंत्रालय ने 6 जनवरी 2021 एनसीटीई व 15 जनवरी 2021 को शिक्षा सचिव ने उनको सहायक अध्यापक प्राथमिक भर्ती में शामिल करने के लिए कहा था मगर सरकार ने 10 फरवरी 2021 को यह कहते हुए उनको काउंसलिंग से बाहर कर दिया था कि सरकार के पास कोई भी स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है।