नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का अवसान, एक  दिन का राजकीय शोक, हल्द्वानी चित्रशिला घाट पर होगा अंतिम संस्कार

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सरहद का साक्षी,

दिल्ली/ हल्द्वानी: उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का आज दिल्ली में निधन हो गया है, नेता   प्रतिपक्ष   इंदिरा हृदयेश के निधन  पर एक  दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है, जबकि उनके देहावसान पर प्रदेश कांग्रेस ने अपने आगामी सभी कार्यक्रम निरस्त करते हुए एक हफ्ते तक शोक का ऐलान किया है।

उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष का पार्थिक शरीर शाम तक उनके आवास हल्द्वानी पहुंचेगा, कल सुबह 10:00 बजे रानीबाग चित्रशिला घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा; कल सुबह 10 बजे तक आवास पर अंतिम दर्शन होंगे  अंतिम संस्कार में दिल्ली और उत्तराखंड के कई कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से हल्द्वानी के लिए रवाना हो गया है।

उनके निधन पर देशभर और उत्तराखंड के नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ. इंदिरा हृदयेश के निधन पर दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, “डॉ. इंदिरा हृदयेश जी कई सामुदायिक सेवा प्रयासों में सबसे आगे थीं। उन्होंने एक प्रभावशाली विधायक के रूप में अपनी पहचान बनाई और उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव भी था। उनके निधन से दु:खी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत समेत प्रदेश के मंत्री व विधायकों ने उनके अवसान पर संवेदना व्यक्त की है। लंबे समय से इंदिरा हृदयेश के साथ उत्तराखंड की राजनीति कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कुछ इस तरह से इंदिरा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट करते हुए लिखा है कि…. इंदिरा_हृदयेश जी नहीं रही, सहसा इस समाचार पर विश्वास नहीं होता, कल तक हम साथ थे, कांग्रेस को उत्तराखंड में कैसे मजबूत किया जाए उसके लिए विचार विमर्श कर रहे थे, कार्य योजना बना रहे थे और अभी-अभी खबर आई है कि क्रूर काल ने इंदिरा हृदयेश जी को हमसे छीन लिया है। कांग्रेस की मूर्धन्य नेता, एक अनूठा व्यक्तित्व, संसदीय विधा की मर्मज्ञ, संघर्षरत जनता व शिक्षकों की आवाज, हल्द्वानी व उत्तराखंड की जनता की एक लगनशील सेविका और कांग्रेस की शीर्ष नेता इंदिरा हृदयेश जी, उनका जाना हम सबके लिए बहुत दु:खद है, उनके रिक्त स्थान को कोई नहीं भर सकता है। इंदिरा हृदयेश जी आप लोगों को हमेशा बहुत याद आएंगी, आपने जो अविस्मरणीय कार्य अपने मंत्रितत्वकाल में किये हैं, जिस तरीके से उत्तर प्रदेश की विधान परिषद हो या शिक्षा जगत हो उसके लिए शिक्षक नेत्री के रूप में किया है, उसे कौन भुला सकता है। हल्द्वानी की विकास की आप माँ हैं, एक विकास की माँ चले गई। कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि किन शब्दों में आपको मैं श्रद्धांजलि अर्पित करूं, किन शब्दों में आपके परिवार को, हम सब भी आपके परिवार हैं, हम एक-दूसरे को संवेदना प्रेषित करें। भगवान को शायद यही मंजूर था कि आप हमको मझधार में छोड़कर के चले गई। जिस समय कांग्रेस को आपसे मार्गदर्शन की सबसे अधिक आवश्यकता थी, उस समय आपका जाना बहुत कष्ट दे गया। इंदिरा जी आपका आशीर्वाद, हमेशा उत्तराखंड के कांग्रेसजनों के साथ रहेगा इसका मुझे पूरा विश्वास है।

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि मेरे लिये इन्दिरा जी का जाना एक सरंक्षिका का जाना है। कांग्रेस की ही नहीं, उत्तराखंड की अपूरणीय क्षति है। जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढवाल ने अपने शोक संदेश में कहा कि उत्तराखंड में सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में जन सरोकार की ध्वजवाहक कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता पूर्व काबीना मंत्री व  वर्तमान में उत्तराखंड बिधान सभा मे  नेता प्रतिपक्ष श्रीमती इंदिरा जी के आकस्मिक निधन से हम सब बहुत दुखी हैं। कांग्रेस पार्टी को उनके जाने से बहुत अपूरणीय क्षति हुई है।