आजादी का अमृत महोत्सव, वर्ष सुखद अहसास।
याद दिलाता कुर्बानी को लहराएं तिरंगा आज। हीरक जयंती वर्ष है बाईस, सब उठांए तिरंगा हाथ।
फहराएं घर-घर भारत के, बच्चा-बृद्ध-जवान।
आजादी का अमृत महोत्सव, भारतवर्ष मनाए साथ।
घर-घर चौखट आंगन में, फहराएं तिरंगा आज। लाल किले की प्राचीर से, ध्वज देश -राष्ट्र अभिमान।
भारत के हर घर छत पर, यह प्रजातंत्र का मान।
तीन रंग का भव्य तिरंगा, थामे बच्चे बृद्ध हाथ जवान।
मना रहे हैं अमृत महोत्सव, मिला है सबका साथ। शौर्य समृद्धि शांति प्रतीक तिरंगा, देता दुश्मन को मात।
गति समय चाल प्रतीक चक्र भी गतिमान दिन-रात।
विश्व शांति संरक्षक भारत, है यह जगतगुरु राष्ट्र-महान।
शौर्य, वीरता पराक्रम में, है भरता राष्ट्र अभिमान। 15अगस्त- 26 जनवरी तिथियां, भरें उर- स्वाभिमान।
सीमाओं से संसद तक, ध्वज तिरंगा शुचि सम्मान।
आजादी का अमृत महोत्सव, वर्ष बाईस जग विख्यात। हीरक जयंती मनाए भारत, है तिरंगा है मेरी जान। विकास पथ पर बढ़ता भारत, पावन देश विश्व महान।
लहराएं हर-घर तिरंगा, यह है भारत स्वाभिमान।
कवि सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’ @सरहद का साक्षी