टिहरी बांध के मूल विस्थापितों के साथ हो रहा अन्याय, भू माफिया टिहरी विस्थापितों की जमीन औने पौने दामों में खरीदकर बेच रहे

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पत्रकार ओम रतूड़ी ने जिलाधिकारी टिहरी एवं पुनर्वास निदेशक टिहरी बांध को पत्र लिखकर कहा कि राष्ट्रीय हित में अपनी भूमि, मकान देने वाले टिहरी शहर के मूल विस्थापित आज संकट में हैं, वे अन्याय का शिकार हो रहे हैं। भू माफिया, टिहरी विस्थापित की जमीन औने पौने दामों में खरीदकर बेच रहे हैं।

जिसका कारण है कि रजिस्ट्री न होने के कारण वे भवन निर्माण व मरम्मत के लिये बैंक से ऋण नहीं ले पाते हैं। इसलिए वे अपनी प्रोपर्टी को औने पौने दामों में बेचने के लिये मजबूर हो जाते हैं।
पता चला कि कुछ विस्थापितों ने अपने प्लाट सरेंडर किये हैं, उनको फर्जी आवंटन भी किया है, हो रहा है।
ऐसे में एक वरिष्ठ पत्रकार जो धन की कमी औऱ समय न होने के कारण अपने आवंटित लगभग 1.5 करोड़ के प्लाट पर अपना मकान नहीं बनवा पाए, आज उनके प्लाट के पिछवाड़े पर, जहां प्रतापनगर विधायक विक्रम सिंह नेगी का मकान बना है, देहरादून टिहरी नगर, अजबपुर कलां स्थित उस ओर इ3 प्लाट वाले एक सरकारी अधिकारी ने अपना कच्चा निण करना शुरू कर दिया है। उन्होंने डीएम टिहरी और पुनर्वास निदेशक के नाम पत्र भेजा है।

कहा आखिर कोई कैसे बाद में आया खरीददार मूल आवंटी के प्लाट पर बाउंड्री वाल बना सकता है।
मुझे मेरा पूरा प्लाट इसलिये दिया जाए क्योंकि e1, e2 और e3 पर निर्माण नहीं है और मेरा प्लाट e2 क्रम में e3 से पहले है।

पत्रकार ओम रतूड़ी ने कहा कि मेरे प्लाट का सीमांकन करवा कर विभाग अपना निशान लगवाए।