भारत की संस्कृति, सभ्यता तथा संविधान ने “विविधता में एकता” के धागे को किसी भी परिस्थिति‍ में कमजोर नहीं होने दिया: मुख्तार अब्बास

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भारत की संस्कृति, परंपराओं और संविधान ने
The Union Minister for Minority Affairs, Shri Mukhtar Abbas Naqvi addressing the “Social Harmony and Women Empowerment & Pt. Deen Dayal Smriti Samman Programme”, organised by Bhartiya Baudh Sangh, in New Delhi on October 03, 2021.
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पिछले सात वर्षों के दौरान, सरकार ने संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता के साथ समग्र सशक्तिकरण के लिए काम किया है और अल्पसंख्यकों सहित सभी वर्गों का “गरिमा के साथ विकास” सुनिश्चित किया है: श्री नकवी

[su_highlight background=”#880930″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी, नई दिल्ली : [/su_highlight] केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भारत की संस्कृति, परंपरा और संविधान ने “विविधता में एकता” के धागे को किसी भी सूरत में कमजोर नहीं होने दिया है। आज भारतीय बौद्ध संघ द्वारा नई दिल्ली में आयोजित सामाजिक सद्भाव और महिला स‍शक्तिकरण एवं पंडित दीन दयाल स्मृति सम्मान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री नकवी ने कहा कि समग्र विकास के रास्ते में अनेक बाधाएं आईं है, लेकिन हमारी  “विविधता में एकता” की ताकत ने देश को समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ाया है।

श्री नकवी ने कहा कि देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। जब हम स्वतंत्रता का जश्न मनाते हैं, तो हमें देश के ‘विभाजन की विभीषिका’ को भी याद रखना चाहिए। हमें यह याद रखना चाहिए कि इस ‘विभाजन की विभीषिका’ के लिए कौन जिम्मेदार था, हमें यह भी याद रखना होगा कि इसमें किसने अपने संकीर्ण राजनीतिक स्‍वार्थों के लिए भारत के हितों का बलिदान करने की साजिश रची थी।

श्री नकवी ने यह भी कहा कि भगवान गौतम बुद्ध का आध्यात्मिक मानवतावाद और कर्म उन्मुख जीवन का उद्देश्यपूर्ण संदेश पूरी मानवता के लिए आज भी प्रासंगिक है। उनकी आध्यात्मिक आत्म-विश्वास की शिक्षाएं सभी अंतर्विरोधों को मिटाकर हमें लगातार आंतरिक शांति और आत्म-विश्‍वास का मार्ग दिखलाती हैं।

उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास से परिपूर्ण भगवान गौतम बुद्ध की समग्र समाज की शिक्षाएं कोरोना काल के दौरान पूरी मानवता के लिए सबसे अधिक सार्थक और सटीक संकल्पपूर्ण सिद्ध हुईं है। भगवान बुद्ध की शिक्षाएं अधिकांश रूप से सामाजिक और सांस्कृतिक जटिलताओं के समाधान से संबंधित थी, उनकी सैकड़ों साल पुरानी शिक्षाएं और सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं।

श्री नकवी ने कहा कि विभिन्न भाषाओं, धर्मों, क्षेत्रों, जीवन शैलियों के बावजूद भारत अपनी संस्कृति, परंपराओं और मजबूत संवैधानिक मूल्यों के कारण ही एकजुट है।

श्री नकवी ने कहा कि पिछले सात वर्षों के दौरान सरकार ने संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ समग्र सशक्तिकरण के लिए काम किया है और अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों के “गरिमा के साथ विकास” को सुनिश्चित किया है।

उन्‍होंने कहा कि भारतीय बौद्ध संघ जैसे संगठन सामाजिक और सांस्कृतिक सद्भाव तथा राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

संसदीय कार्य और संस्कृति राज्यमंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री श्री जॉन बारला, भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल, विभिन्न धार्मिक नेता और शिक्षा, सामाजिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों के प्रमुख व्‍यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।