शिक्षामित्रों का नियमितीकरण नहीं हुआ तो उत्तराखंड राज्य प्राशिसंघ शिक्षामित्रों के समर्थन में आंदोलन को होगा मजबूर

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शिक्षामित्रों का नियमितीकरण नहीं हुआ तो उत्तराखंड राज्य प्राशिसंघ शिक्षामित्रों के समर्थन में आंदोलन को होगा मजबूर
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प्रदेश में लंबे समय से दूरस्त व विकट परिस्थितियों में मानदेय पर २० सालो से अपनी सेवाएं दे रहे शिक्षामित्र लंबे समय से नियमितीकरण के लिए आंदोलनरत है, लेकिन सरकार द्वारा शिक्षामित्रों को नियमितीकरण के बजाय शिक्षामित्रों का मानदेय १५००० से बढ़ाकर २०००० रू० कर दिया गया है जोकि शिक्षामित्रों के साथ छलावा है, इस कारण शिक्षामित्रों में भारी रोष व्याप्त है। समान योगता होने के वावजूद एक तरफ शिक्षामित्रों को ४८००० रू और एक को १५००० रू मानदेय दिया जा रहा हैं। जबकि सरकार ने १५००० रू से बढ़ाकर २०००० रू मात्र कर दिया गया है जो कि शिक्षामित्रों के साथ छलावा है इस कारण शिक्षामित्रों में भारी रोष व्याप्त है।

[su_highlight background=”#091688″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी, नई टिहरी [/su_highlight]

उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद टिहरी गढ़वाल के जिलाध्यक्ष चंद्रवीर नेगी जी ने कहा सरकार ठेकेदारी प्रथा छोड़े और शिक्षामित्रों का शोषण ना करें और इनको हिमाचल की तर्ज पर सुरक्षित करें चाहे वह औपबंधिक शिक्षामित्र हो या मानदेय शिक्षामित्र संगठन मांग करता है कि लंबे समय से प्राथमिक शिक्षकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में प्राथमिक शिक्षा की अलख जगाए शिक्षामित्रों का नियमितीकरण किया जाए प्रदेश में कार्यरत मानदेय पर शिक्षा मित्र एवं औपबंधिक पर कार्य शिक्षा मित्रों को समान कार्य एवं समान योग्यता होने के साथ साथ प्रदेश के सभी शिक्षामित्रों का एकीकरण किया जाए। यदि शिक्षामित्रों का नियमितीकरण नहीं किया जाता है, तो उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद टिहरी गढ़वाल शिक्षामित्रों के समर्थन में आंदोलन करने को मजबूर होगा। जिस का संपूर्ण दायित्व शासन प्रशासन का होगा।