उत्तराखंड के जाने-माने सीनियर फिजीशियन व कॉडियोलाटिस्ट डॉ एसडी जोशी ने देहरादून स्थित अपने शंकर क्लीनिक में प्रेसवार्ता का आयोजन किया। प्रेसवार्ता में डॉ एसडी जोशी ने अपनी साल 2022 की कार्ययोजनओं रखकर बताया कि एक बार फिर “स्वस्थ्य घर-स्वस्थ्य उत्तराखंड अभियान“ शुरू करने जा रहे हैं। इस अभियान की शुरूआत चमोली जनपद के दुर्गम गांव से होगी।
[su_highlight background=”#091688″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी, देहरादून[/su_highlight]
डॉ जोशी ने बताया उनके इस अभियान में विचार एक नई सोच संस्था प्रमुख सहयोगी की भूमिका में रहेगी। संस्था निशुन्क दवाईयों के साथ ही कोरोना जागरूकता को लेकर मास्क व सेनेटाइजर भी उपलब्ध करायेगी। इस दौरान प्रेसवर्ता में डॉ जोशी के साथ विचार एक नई सोच संस्था के संचालक राकेश बिजल्वाण मौजूद रहे। पत्रकारवार्ता में डॉ एसडी जोशी के क्लीनिक के टीम के सदस्य दीपक जुगराण, कपिल थापा, हिमानी, प्रदीप चमोली, मोहन पुरोहित व अभिषेक मंमगई मौजूद रहे।
“स्वस्थ्य घर-स्वस्थ्य उत्तराखंड“ अभियान होगा शुरू
सीनियर फिजीशियन व कॉडियोलाटिस्ट डॉ एसडी जोशी ने बताया कि एक बार फिर आगामी 15 फरवरी से वह “स्वस्थ घर-स्वस्थ उत्तराखंड अभियान“ शुरू करने जा रहे हैं। इस बार उनका प्रयास है कि सीमांत गांवों में पहुंचकर निशुन्क हैल्थ कैंप लगाए जायें। उनकी प्राथमिकता में चमोली, पिथौरागढ़ व उधमसिंहनगर जनपद हैं। वह अलग-अलग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लेकर सीमांत गांवों में जायेंगे। आवश्यकता हुई तो रात्रि विश्राम भी करेंगे। उनका प्रयास रहेगा कि अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके और हमारे पास एक डॉटा भी इक्कठा हो जाये कि आखिर पर्वतीय क्षेत्रों में किस तरह की बीमारियों के मरीजों की संख्या ज्यादा है।
कोरोना जागरूकता को लेकर उत्तराखंड भ्रमण अभियान
डॉ एसडी जोशी ने बताया कि पिछले साल की तरह इस साल भी वह कोरोना जागरूकता को लेकर उत्तराखंड भ्रमण अभियान शुरू कर चुके हैं। इस अभियान के जरिए उनकी कोसिश है कि हर व्यक्ति हर समय कोरोना को लेकर सर्तक रहे। कोरोना के आकड़े भले ही कम या ज्यादा हो रहे हैं लेकिन यह खत्म नहीं हुआ है। हमें इसके साथ ही जीना सीखना होगा। इसलिए सर्तकता और वैक्सीन लगवाना ही कोरोना से बचाव का एक मात्र उपाय है।
उत्तराखंड की बोली-भाषा को लेकर जागरूकता अभियान
डॉ एसडी जोशी ने बताया कि वह उत्तराखंड की बोली-भाषा को लेकर भी जागरूकता अभियान चला रहे हैं। अधिक से अधिक लोगों को अपनी बोली-भाषा की जानकारी हो इसको लेकर वह लोगों को लगातार प्रोत्साहित करते रहते हैं। उनके क्लीनिक भी जो भी व्यक्ति इलाज के लिए आते हैं वह उन सभी को जागरूक करते हैं। इसका परिणाम भी सामने आ रहा है। अब क्लीनिक में आने वाले ज्यादातर लोग उत्तराखंड की बोली-भाषा में बात करते हैं।
पत्रकारों व उनके परिजनों के लिए निशुल्क शिविर
डॉ एसडी जोशी ने बताया कि पत्रकार हमारे समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा है। लोकतत्र के इस चौथे स्तंभ की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिए उन्होने भी प्रत्येक माह एक दिन पत्रकारों व उनके परिजनों की निशुल्क स्वास्थ्य जांच के लिए रखा है। जिसमें पत्रकार व उनके परिजन आकर अपनी स्वास्थ्य जांच करा सकते हैं।
क्लीनिक की आमदमी का खर्च जरूरतमंद लोगों की मदद में
डॉ एसडी जोशी ने बताया उनके द्वारा शुरू किए गये शंकर क्लीनिक को 2 वर्ष पुरे हो चुके हैं। यह क्लीनिक भी समाजसेवा के उद्देश्य से शुरू किया गया है। मेरा जीवन का मकसद है इलाज के अभाव में किसी की मृत्य न हो। इस क्लीनिक से होने वाली आमदनी को आर्थिक रूप से कमजोर लोगों व निशुल्क हैल्थ कैंप लगाने में खर्च किया जाता है।