प्रजातंत्र में शासन और प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शासन और प्रशासन अन्योन्याश्रित हैं। यह एक दूसरे के पूरक है।
सरहद का साक्षी @कवि:सोमवारी लाल सकलानी, निशांत
शासन के बनाए गए नियम कानून और निर्देशों का प्रशासन द्वारा जन कल्याणकारी समाज के लिए क्रियान्वयन करवाया जाता है। एक स्वस्थ प्रजातंत्र के लिए शासन और प्रशासन में तालमेल का होना भी बहुत जरूरी है। इसके साथ ही जनता के हितों को सर्वोपरि रखते हुए विभिन्न प्रकार के विधि-विधान, नियम- कानून, कानून व्यवस्था, दिशा निर्देश, कल्याणकारी योजनाएं, ढांचागत सुविधाओं, तथा शांति और व्यवस्था के लिए शासन के समान ही से भी महत्वपूर्ण भूमिका प्रशासन की भी होती है क्योंकि प्रशासन ग्राउंड पर कार्य करता है और यह एक अच्छे प्रशासक की विशेषता होती है कि वह जनहित में शासन के निर्देशों का अक्षरश: पालन करें।
अधिकारी का विवेक भी महत्वपूर्ण होता है। कभी-कभी परिस्थितिजन्य प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा लिए गए विवेकपूर्ण निर्णय भी शासन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी विशेषता है कि सरकार के अंगो का तथा उनके कार्यों का संविधान में वर्गीकरण किया गया है।
न्यायपालिका, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका शासन के तीनों अंगों लोकतांत्रिक व्यवस्था के तीनों अंगों का त्रिभुज है। किसी भी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को गति देने में सहायक सिद्ध होता है।
हमारे टिहरी जनपद में समय-समय पर अनेकों कुशल और योग्य अधिकारी नियुक्त हुए हैं। जिन्हें पीढ़ियों तक लोग याद करते हैं। उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हैं। आज इसी परिप्रेक्ष में अपने टिहरी जनपद में नवनियुक्त एसएसपी साहब (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) श्री नवनीत सिंह भुल्लर साहब से भेंट हुई। सद्भावना के तौर पर, प्रतीक चिन्ह के रूप में उन्हें अपनी पुस्तक सुरकुट निवासिनी की प्रति भेंट की। मैं एसएसपी साहब का तहेदिल से शुक्र अदा करता हूं कि उन्होंने मेरी इस काव्य-कृति को आदर के साथ ग्रहण किया और सृजनात्मक कार्य की सराहना भी की। जिससे एक ओर मेरा मनोबल बड़ा और भविष्य में और बेहतर कार्य करने की उत्सुकता भी बड़ी है।
सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाने किस दिशा में चंबा में हम लोग मिलकर अनेकों रचनात्मक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्य करते हैं। जिनमें शासन और प्रशासन का सहयोग अपेक्षित होता है। जब कभी भी जरूरत पड़ने पर हमें अपने अधिकारियों से संपर्क करना होता है और यदि अधिकारी सम्यक ढंग से आपको सुनते हैं, आवश्यक कार्यवाही के निर्देश देते हैं, तो आस्था भी बढ़ती है और एक प्रजातांत्रिक देश का नागरिक होने का आत्मागौरव भी मिलता है।
जब एसएसपी साहब से उनके कार्यालय में भेंट हुई। साथ में पूर्व सैनिक संगठन के संरक्षक श्री इंद्र सिंह नेगी, वरिष्ठ पत्रकार श्री रघुभाई जड़धारी, सामाजिक कार्यकर्ता और उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारी श्री संजय बहुगुणा साथ में थे। काफी देर तक सड़क सुरक्षा, कानून -व्यवस्था, नशा-मुक्ति, महिला सशक्तिकरण, साइबर सुरक्षा, जैसे अनेक मुद्दों पर बातचीत हुई। इसके अलावा कोविड, बेटी बचाओ आदि पर भी संक्षिप्त चर्चा की गई। प्रत्येक बात को उन्होंने बहुत ही गंभीरता पूर्वक सुना और एक वरिष्ठ पुलिस प्रशासनिक अधिकारी होने के नाते जन सहयोग पर भी बल दिया।