सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं का धरना जारी। यथा समय न मानी गई मांगें तो करेंगे आंदोलन तेज

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सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं का धरना जारी। यथा समय न मानी गई मांगें तो करेंगे आंदोलन तेज
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[su_highlight background=”#880930″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी @सोमवारी लाल सकलानी निशांत[/su_highlight]

चंबा : पर्वतीय सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता कल्याण समिति चंबा, टेहरी गढ़वाल के तत्वावधान में सहायक खाद्य निरीक्षक कार्यालय, चंबा (टेहरी गढ़वाल) में दिया जा रहा धरना आज सातवें दिन भी जारी रहा। अपनी विभिन्न मांगों के संबंध में सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता 01 सितंबर से प्रदेश भर में आंदोलनरत हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में कर्मिक धरना कार्यक्रम चल रहा है। पूछने पर पता चला कि उनकी सबसे प्राथमिक मांगों में मानदेय की व्यवस्था किए जाने की मांग है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण खाद्य योजना का 02 साल से भाड़ा -किराया, कुली पर खर्चा भी भुगतान नहीं किया गया है, 35 दिन से यह क्रमिक धरना गतिमान है। आज के धरने में ‘चंबा सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता’ के डीलर रणजीत सिंह सजवान, सुरेंद्र सिंह नेगी, कृपाल सिंह नेगी, मोहनलाल उनियाल, रोशनलाल डोभाल आदि विक्रेता धरने पर बैठे हैं। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक यह धरना चलता रहेगा। यदि सरकार यथा समय उनकी बातों पर गौर नहीं करती तो फिर यह विक्रेता अपने आंदोलन को और तेज करेंगे और प्रजातांत्रिक रूप से सरकार से अपनी मांगों को मनवाने की पुरजोर कोशिश करेंगे। विक्रेताओं के आंदोलन के कारण उपभोक्ताओं को भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यूं तो उत्तराखंड में प्रत्येक व्यवस्था क्षेत्रीय व्यवस्था के अनुरूप नहीं चल रही हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतरने में, संतोषजनक परिणाम नहीं मिल पा रहा है। किसी भी कार्य को करवाने में आर्थिक व्ययभार और समय की हानि तथा संसाधनों की कमी सामने आ रही है।

जितना समय पहले मैनुअल कार्य कराने में लगता था, ऑनलाइन प्रक्रिया से कार्य करवाने में उससे भी अधिक समय लग रहा है। कागजातों को इकट्ठा करने उनके द्वारा ऑनलाइन व्यवस्था करवाने मे काफी समय और धन का अपव्यय हो रहा है। उदाहरणार्थ एक राशन कार्ड बनवाने/नवीनीकरण करवाने के लिए उपभोक्ताओं को लगभग महीना लग रहा है। आय प्रमाण पत्र को ही बनने में पूरा एक पखवाड़ा लग रहा है।और उतना ही समय कार्ड बनने मे लगता है। राशन कार्ड बन जाने के 03 महीने बाद वहां क्रियान्वित हो रहा है।