एक विचार: मुफ्त में कुछ भी नहीं मिलता
जब कोई वस्तु मुफ्त में मिल रही हो तो समझिए कि आपको अपनी स्वतंत्रता देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी! इसके लिए इन तथ्यों की ओर अपना ध्यान आकृष्ट करने की आवश्यकता है।
सरहद का साक्षी@ आचार्य हर्षमणि बहुगुणा
डेसमंड टूटू ने एक बार कहा था कि ‘जब मिशनरी अफ्रीका में आए तो उनके पास बाइबिल थी और हमारे पास जमीन। उन्होंने कहा कि हम तुम्हारे लिए प्रार्थना करने आए हैं। और हमने आंख बंद कर ली और जब आंख खोली तो हमारे हाथ में बाइबिल थी और उनके पास जमीन।’
विचारणीय है कि *ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ?