सेवानिवृत्ति पर दी गई भावभीनी विदाई

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सेवानिवृत्ति पर दी गई भावभीनी विदाई
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सेवानिवृत्ति पर दी गई भावभीनी विदाई

स्थानीय लोगों ने की व्यक्तित्व और कार्य की सराहना

नई पारी के लिए दी गई शुभकामनाएं

चम्बा, सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’: उप वन क्षेत्राधिकारी, टिहरी डैम वन प्रभाग में कार्यरत वीरेंद्र सिंह रौथाण को 40 वर्ष की संतोषप्रद सेवाओं के बाद आज सेवानिवृत्ति के अवसर पर उनके कार्यालय चंबा में उन्हें भावभीनी विदाई दी गई। बड़ी संख्या में वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी विदाई समारोह में सम्मिलित हुए। स्थानीय लोगों ने भी समारोह में शिरकत की। श्री वीरेंद्र सिंह रौथाण के नाते- रिश्तेदार भी विदाई समारोह में सम्मिलित हुए। उनकी धर्मपत्नी को भी इस मौके पर स्थानीय लोगों ने सम्मानित किया। नई पारी के लिए उनके स्वस्थ,सुखमय जीवन की शुभकामनाएं दी।

श्री रौथाण ने टिहरी डैम वन प्रभाग मे उप वनक्षेत्राधिकारी के रुप में कई वर्षों तक सेवायें दी।अधिवर्षता आयु पूर्ण हो जाने पर सेवानिवृत्त हो गए। विभाग में वह सकलाना रेंज में भी कई वर्ष तक कार्य किये। अपने दायित्वों को बखूबी निर्वहन करने के लिए वे विभाग और समाज दोनों में जाने जाते हैं। उनकी कार्य कुशलता की अधिकारियों तथा मातहतों ने भूरी- भूरी प्रशंसा की।

सन 1983 में श्री रौथाण ने वन विभाग में प्रथम नियुक्ति प्राप्त की और विभिन्न स्थानों में अपनी सेवाएं प्रदान करते हुए सेवानिवृत्त हुए हैं। वृक्षारोपण, डिमार्केशन, स्वच्छता, वन संरक्षण,वन भूमि आदि के लिए जाने- पहचाने नाम हैं। अनेकों बार वह जंगलात के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में पर्यटकों तथा स्थानीय व्यक्तियों के द्वारा फैलाई गई प्लास्टिक गंदगी के निवारण करने के लिए उत्कृष्ट कार्य किये हैं।

सकलाना रेंज में जब वे कार्यरत थे तो उन्होंने सुरकंडा की घाटियों और सुरकंडा से आच्छादित क्षेत्रों में प्लास्टिक उन्मूलन कार्यक्रम में बढ-चढ कर कार्य किया।

स्थानीय लोगों तथा समाजसेवियों के सहयोग से कुछ वर्ष पूर्व वन विभाग की भूमि से प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करवाकर रीसाइक्लिंग प्लांटों को भेजा गया जिसकी व्यवस्था उन्होंने विभाग के सहयोग से बखूबी की। कई बार मैं भी इस क्रियाकलाप में उनके साथ रहा।

फायर सीजन में जंगलों में लगी हुई आग को बुझाने में उनका मार्गदर्शन कर्मचारियों के लिए भी प्रेरणास्पद रहा है। वह स्वयं जंगलों को आग से बचाने के महारत रखते हैं और अनेकों बार जान को जोखिम में डालकर उन्होंने दावाग्नि से जंगलों को बचाया।

श्री रौथाण कड़क मिजाज व्यक्ति हैं। उन्हें अपने कार्य से सबसे ज्यादा मतलब रहा है। आज उनके विदाई समारोह में वन क्षेत्राधिकारी संजय बेलवाल, वन क्षेत्राधिकारी वी एस नेगी, कवि सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’, नरेन्द्र सिंह रावत, राघव रमोला, रवींद्र नकोटी, विभागीय कर्मचारी और स्थानीय लोग उपस्थित थे।

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