डीआरडीओ ने स्वदेशी रूप से विकसित पारंपरिक ‘सरफेस टू सरफेस’ मार करने वाली मिसाइल ‘प्रलय’ का दूसरा उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया पूर्ण

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ)  ने स्वदेशी रूप से विकसित पारंपरिक ‘सरफेस टू सरफेस’ मार करने वाली मिसाइल 'प्रलय' का दूसरा उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया
play icon Listen to this article

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 23 दिसंबर, 2021 को ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से स्वदेशी रूप से विकसित पारंपरिक सरफेस टू सरफेस मार करने वाली मिसाइल ‘प्रलय’ का दूसरा उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।

[su_highlight background=”#091688″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी, नई दिल्ली/ओडिशा[/su_highlight]

पहली बार बैलिस्टिक मिसाइल के लगातार दो दिन तक दो उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किये गये। इस उड़ान परीक्षण ने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया। यह प्रक्षेपण मिसाइल के दोनों विन्यासों में प्रणाली को सफल साबित करता है।

🚀 यह भी पढ़ें :  पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय ई-संगोष्ठी आयोजित 
आज के प्रक्षेपण में ‘प्रलय’ मिसाइल का हथियारों की सटीकता और घातकता सिद्ध करने के लिए भारी पेलोड और विभिन्न रेंज के लिए परीक्षण किया गया। इस प्रक्षेपण की पूर्वी तट और प्रभाव बिंदु के पास स्थित डाउन रेंज जहाजों में तैनात रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टि टेलीमेट्रीक ट्रैकिंग सिस्टम सहित सभी रेंज सेंसर और उपकरणों द्वारा निगरानी की गई।

रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस लगातार सफल विकास उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ और संबंधित टीमों को बधाई दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने संबंधित टीम की सराहना करते हुए कहा कि इस सफल उड़ान परीक्षण से देश ने और विकास में अपने मजबूत डिजाइन और विकास क्षमताओं को सिद्ध कर दिया है।