कार्यदाई संस्थाओं के कार्यों का होता रहे अनुश्रवण, दिए जाने चाहिए सुझाव
नगर पालिका परिषद चंबा चंबा, टिहरी गढ़वाल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर शहर है। आवश्यकता है कि इस शहर को इतना ही स्वच्छ और आकर्षक बनाया जाए। स्वच्छता और सौंदर्य करण के मामले में चंबा अभी शैशवावस्था में है। यदि हम मसूरी, नैनीताल आदि शहरों से चंबा का तुलनात्मक अध्ययन करें तो अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है। एक दिन में तो रोम का साम्राज्य भी नहीं बना था और न हथेली पर सरसों जंमती है। इसके लिए काफी लंबे समय तक प्रयास करना होता है।
[su_highlight background=”#091688″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी @कवि: सोमवारी लाल सकलानी, निशांत[/su_highlight]
मसूरी नगर पालिका परिषद अंग्रेजों के जमाने से स्थापित है। बताया जाता है कि कानपुर नगर पालिका के बाद भारत मे सबसे ज्यादा आय का स्रोत प्राप्त करने वाली मसूरी नगर पालिका रही है। साफ-सुथरी सड़कें, स्वच्छता और नियोजित विकास, कूड़ा निस्तारण की एक वैज्ञानिक सोच, सीवर लाइन आदि की अंग्रेजों ने समुचित व्यवस्था की थी। आज भी मसूरी पर्वतों की रानी है। मसूरी की छावनी, मसूरी की जलवायु और वातावरण, मसूरी के होटल उद्योग, मसूरी के स्कूल, राष्ट्रीय स्तर के संस्थान, मसूरी की भू -पारिस्थितिकीआदि आज भी देश- विदेश के लाखों पर्यटकों, सैलानियों के लिए आकर्षक का केंद्र है। एक संपूर्ण और स्वच्छ नगर के रूप में मसूरी की गणना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जाती है।
चंबा नगर पालिका परिषद का निर्माण ग्रामीण सभ्यता से उभर कर आया है। यह कोई छावनी क्षेत्र नहीं है, न यह मास्टर प्लान से बसाया हुआ शहर है। इसीलिए स्वच्छता, संसाधनों और नियोजित विकास में इस शहर को अथक संघर्ष तथा परिश्रम करना पड़ रहा है।खुले में शौच से मुक्ति, कूड़ा निस्तारण की समस्या का आंशिक निदान होता जा रहा है। फिर भी स्वच्छता के प्रति जन -जागरूकताऔर संवेदनशीलता का होना बहुत ही आवश्यक है। जब तक हमारी मानसिकता में बदलाव नहीं होगा, हम स्वच्छता और सुंदरता की कीमत को नहीं समझ सकेंगे। भौतिक संसाधनों को अर्जित करने की होड़ में भले ही हम आगे बढ़ जाएं लेकिन स्वच्छता सुंदरता और आकर्षण में हम अभी काफी पीछे हैं।
जन जागरूकता के लिए किया जाना चाहिए संयुक्त प्रयास
इसी अनुक्रम में शहर स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर होने के नाते, कार्यदाई संस्था केदार एनर्जी के मुख्य कार्यकर्ता श्री संजय रावत, स्वच्छता निरीक्षक और सुपरवाइजर नगरपालिका चंबा श्री के.एस. पंवार तथा श्री पवन सेमवाल के साथ समग्र चर्चा की तथा अनेक सुझाव उनको दिए। सैग्रीगेशन, कूड़ा निस्तारण, व्यापारियों का सहयोग, जन -जागरूकता अभियान, वार् वाइज स्वच्छता कार्य योजना, सैद्धांतिक और प्रैक्टिकल कार्य, स्वच्छ भारत मिशन की परिकल्पना को साकार करने के लिए अनेकों बातें उनके संज्ञान में लाई।
स्वच्छता के लिए कार्यदाई संस्था बाजार में व्यापार की प्रकृति के अनुसार कूड़ा एकत्रित करने के लिए बोरे, बाल्टिया, ड्रम उपलब्ध कराए। जन- जागरूकता के लिए वे प्रयास किया जाएगा ताकि सभी लोग सूखा और गीला कूड़ा इकट्ठा ना रखें, जिसके कारण स्वरूप अलग करने में समय, सामर्थ्य और धन का दुरुपयोग होता है। कूड़ा वाहन में भी सूखे और गीले कूड़े को रखने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाए। इसीलिए गीले कूड़े के लिए ड्रम और सूखे कूड़े के लिए बोरो का प्रबंध किया जाए। गीले कूड़े को कंपोस्ट बनाई जा सके और सूखे कूड़े को रिसाइकिल कर पुनः उपयोग में लाया जा सके। धृष्टता करने वाले लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही भी की जाए। स्वस्थ रहना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और इसके लिए स्वच्छता का होना बहुत ही जरूरी है।यह जन उपयोगी भी है। इसके लिए संयुक्त प्रयास अति आवश्यक है। केवल स्वच्छक भाइयों के भरोसे ही समग्र शहर स्वच्छता की कल्पना करना निराधार है। जन-जन की सहभागिता का बहुत जरूरी है।कार्यदाई संस्था भी युद्ध स्तर पर यह कार्य करें। समस्त सभासद, समाजसेवी, नगर पालिका परिषद के कर्मचारीगण, शहर के व्यापारी भाई और शहर के प्रत्येक नागरिक और निवासी का यह कर्तव्य है कि स्वच्छता के प्रति संवेदनशील बनें और यह अपना नैतिक कर्तव्य भी समझे।