• Home
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact Us
गुरूवार, मई 19, 2022
  • Login
सरहद का साक्षी
Advertisement
  • Home
  • देश/दुनिया
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • बागेश्वर
    • चमोली
    • पौड़ी
    • चंपावत
    • देहरादून
    • हरिद्वार
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • रुद्रप्रयाग
    • टिहरी
    • उधमसिंह नगर
    • उत्तरकाशी
  • आध्यात्म
  • चारधाम यात्रा
  • Featured
    • कला/संस्कृति
    • राजनीति/चुनाव
    • अपराध
    • शिक्षा/स्वास्थ्य
      • कोविड-19
    • खेल/फ़िल्म जगत
    • कृषि/बागवानी
    • रोजगार
    • पर्यटन/पर्यावरण
    • साइंस/टेक्नोलोजी
    • कविता/कहानी
  • Sitemap
No Result
View All Result
  • Home
  • देश/दुनिया
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • बागेश्वर
    • चमोली
    • पौड़ी
    • चंपावत
    • देहरादून
    • हरिद्वार
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • रुद्रप्रयाग
    • टिहरी
    • उधमसिंह नगर
    • उत्तरकाशी
  • आध्यात्म
  • चारधाम यात्रा
  • Featured
    • कला/संस्कृति
    • राजनीति/चुनाव
    • अपराध
    • शिक्षा/स्वास्थ्य
      • कोविड-19
    • खेल/फ़िल्म जगत
    • कृषि/बागवानी
    • रोजगार
    • पर्यटन/पर्यावरण
    • साइंस/टेक्नोलोजी
    • कविता/कहानी
  • Sitemap
No Result
View All Result
सरहद का साक्षी
No Result
View All Result
  • Home
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact Us

Christmas Day Special: यीशु मसीह के जन्मदिन की याद दिलाता है बड़ा दिन 25 दिसंबर

केदार सिंह चौहान 'प्रवर' by केदार सिंह चौहान 'प्रवर'
दिसम्बर 25, 2021
in Featured
Big Day 25 December to commemorate the birthday of Jesus Christ
40
SHARES
101
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter
play icon Listen to this article

Big Day 25 December to commemorate the birthday of Jesus Christ

सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दु:खभाग्भवेत् ।।

मनुष्य जाने अनजाने में अनेक पापरूपी निन्दित कर्म कर ही लेता है, उसकी शुद्धि के लिए शास्त्रों ने प्रायश्चित का विधान बताया है। व्रत या उपवास ‌पापों का विनाश कर पुण्य अर्जित करने में भी सहायता करते हैं।

 सरहद का साक्षी @ आचार्य हर्षमणि बहुगुणा  

🚀 यह भी पढ़ें :  युवा शक्ति सहयोग संगठन भिलंगना ने किया घनसाली SBI आधार सेवा केंद्र का घेराव, भारी अनियमितताओं का आरोप  
हिन्दू धर्म की तरह अन्य धर्मों के लोग भी अपने-अपने पर्वों को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। आज दिसंबर का महीना और पच्चीस तारीख हैं, आज ईसाई धर्म के लोग विशेष रूप से ख्रीस्तजयन्ती अर्थात् ‘बड़ा दिन’ मनाते हैं। ईसाई लोग यह उत्सव 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक मनाते हैं। यह उत्सव 24 दिसंबर की आधी रात से प्रारम्भ हो जाता है और ईसाई धर्म के नव युवकों की टोली जिन्हें कैरल्स कहा जाता है, यीशु मसीह के जन्म से सम्बन्धित गीत प्रत्येक मसीही समुदाय के लोगों के घरों में जाकर गातें हैं तथा 25 दिसंबर की प्रात: गिरिजा घरों में विशेष आराधना की जाती है, जिसे ” क्रिसमस सर्विस ” कहा जाता है।

इस आराधना में धर्माचार्य यीशु के जीवन से सम्बन्धित प्रवचन करते हैं। आराधना के बाद मसीही समुदाय के लोग एक दूसरे का अभिवादन करते हुए बड़ा दिन मुबारक कहते हैं। ( Wish you a happy Christmas ) तथा एक दूसरे को उपहार स्वरूप कुछ न कुछ देते हैं, तथा घर आने वाले मेहमानों का स्वागत सत्कार करते हैं। आज के दिन से एक सप्ताह पहले मसीही समुदाय के लोग अपने रिश्तेदारों तथा परिचितों को क्रिसमस ग्रीटिंग कार्ड भी भेजते हैं। आज का दिन यीशु के जन्मदिन की याद दिलाता है। अगर उनकी नजर से देखा जाए तो यह पर्व मसीहियों का हृदय है। ये लोग प्रत्येक रविवार को गिरिजाघरों में सामूहिक आराधना करते हैं, जिसमें बाइबिल का पाठ, भजन एवं प्रार्थनाएं सम्मिलित हैं । आशीर्वचनों से आराधना समाप्त होती है। प्रत्येक मसीही पवित्र आत्मा का वरदान चाहते हैं।

🚀 यह भी पढ़ें :  जन्मदिन विशेष (14 जनवरी) : साहित्य शिरोमणि विद्यानिवास मिश्र, विकलांग विश्वविद्यालय के निर्माता स्वामी रामभद्राचार्य
“चूंकि हम ईसाई नहीं हैं अतः एक दूसरे को इसकी वधाई तो नहीं दे सकते हैं परन्तु उस धर्म के विषयक जानकारी रखनी आवश्यक समझते हैं।” सभी धर्मों में एक जैसी परम्परा है। कुछ लोग समर्पित भाव से अपने प्रभु से प्रार्थना करते हैं और उन्हें उनका आशीर्वाद अवश्य मिलता है। जब तक ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास नहीं होगा तब तक न उनका आशीर्वाद मिलेगा न भगवान की कृपा ही मिलेगी। ईश्वर सबके साथ है, सबको समान रूप से देखता भी है। आज के इस दिन को ईसाई धर्म के लोग मनाते हैं, परन्तु यह स्पष्ट है कि यह भारतीय संस्कृति की ही विशेषता है कि हमारे यहां प्रत्येक दिन उत्सव का है और विश्व के सभी धर्मों के लोगों ने हमसे ही अपने यहां उत्सव मनाने का निर्णय लिया है। भारत प्राचीन काल से ही धर्म प्राण देश रहा है और यहां का आध्यात्म दर्शन, संयम- नियम, व्रत पालन एवं धर्माचरण पर ही आश्रित है। यहां से ही समूचे विश्व में यह सुकर्म बांटा गया है। अन्य धर्मों का अन्ध विश्वास क्या है इस पर न विचार करना है, न मानना ही है। पर यह सुनिश्चित है कि हमारे देश के अनुयायियों की भरमार है, हमें जिस तरह से भी सम्भव हो, अपने धर्म के प्रति सदैव समर्पित, जागरूक व कृतज्ञ रहना चाहिए । आज हिन्दू धर्म के लोग विश्व में पिछड़ते जा रहे हैं कारण यह है कि हम अपने वेद, उपनिषदों व पुराणों के प्रति आस्था वान कम हैं। स्मृतियों पर अटल विश्वास नहीं रख पाते हैं व उन्हें केवल उपेक्षा की दृष्टि से देखते हैं। ( घर की मुर्गी दाल बराबर) तो आइए आज से ही हम अपने धर्म के प्रति निष्ठावान बनने का संकल्प लें।

🚀 यह भी पढ़ें :  डेढ़ साल पूर्व गुमशुदा हुई नाबालिग बच्ची को परिजनों से मिलाया, ऑपरेशन स्माईल अभियान को सार्थक बनाती टिहरी पुलिस
सीखें विश्व के अन्य धर्मों से।
” सर्वतो भावेन यदि हम अपने धर्म की रक्षा नहीं कर सकते हैैं तो हम अस्तित्व हीन हो जाएंगे, क्योंकि धर्म उसी की रक्षा करता है जो धर्म की रक्षा करता है।–‘धर्मो रक्षति रक्षित: ‘ अतः यह सुनिश्चित चिन्तन करना है कि दूसरों के धर्म के विषयक जानकारी होनी आवश्यक है, मानना न मानना अलग-अलग विषय है, व अलग परम्परा भी है। यदि हम दूसरों के धर्म के धर्मावलंबी बनते हैं तो हमसे अधिक अनभिज्ञ कोई नहीं है। यह सब स्वाद की तरह है । भगवान श्री कृष्ण ने गीता में अर्जुन को भी यही उपदेश दिया था कि –

सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज ।
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच: ।।

सब कुछ छोड़कर केवल एक ईश्वर की शरण में जाना चाहिए। अतः अच्छाई कहीं भी हो ग्रहण कर लेनी चाहिए ‍। सचमुच भगवान के समान कृपालु और दृढ़ व्रती तो भगवान के अतिरिक्त और कोई हो ही नहीं सकता।‍ तो ऐसे प्रभु को क्यों छोड़ा जाय, तो आइए दृढ़ व्रती बनें। एक प्रतिज्ञा।

Print Friendly, PDF & Email
play icon Listen to this article

Big Day 25 December to commemorate the birthday of Jesus Christ

सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दु:खभाग्भवेत् ।।

मनुष्य जाने अनजाने में अनेक पापरूपी निन्दित कर्म कर ही लेता है, उसकी शुद्धि के लिए शास्त्रों ने प्रायश्चित का विधान बताया है। व्रत या उपवास ‌पापों का विनाश कर पुण्य अर्जित करने में भी सहायता करते हैं।

 सरहद का साक्षी @ आचार्य हर्षमणि बहुगुणा  

🚀 यह भी पढ़ें :  तुलसी के महत्वपूर्ण औषधीय एवं उपयोगी गुणों पर एक नजर
हिन्दू धर्म की तरह अन्य धर्मों के लोग भी अपने-अपने पर्वों को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। आज दिसंबर का महीना और पच्चीस तारीख हैं, आज ईसाई धर्म के लोग विशेष रूप से ख्रीस्तजयन्ती अर्थात् ‘बड़ा दिन’ मनाते हैं। ईसाई लोग यह उत्सव 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक मनाते हैं। यह उत्सव 24 दिसंबर की आधी रात से प्रारम्भ हो जाता है और ईसाई धर्म के नव युवकों की टोली जिन्हें कैरल्स कहा जाता है, यीशु मसीह के जन्म से सम्बन्धित गीत प्रत्येक मसीही समुदाय के लोगों के घरों में जाकर गातें हैं तथा 25 दिसंबर की प्रात: गिरिजा घरों में विशेष आराधना की जाती है, जिसे ” क्रिसमस सर्विस ” कहा जाता है।

इस आराधना में धर्माचार्य यीशु के जीवन से सम्बन्धित प्रवचन करते हैं। आराधना के बाद मसीही समुदाय के लोग एक दूसरे का अभिवादन करते हुए बड़ा दिन मुबारक कहते हैं। ( Wish you a happy Christmas ) तथा एक दूसरे को उपहार स्वरूप कुछ न कुछ देते हैं, तथा घर आने वाले मेहमानों का स्वागत सत्कार करते हैं। आज के दिन से एक सप्ताह पहले मसीही समुदाय के लोग अपने रिश्तेदारों तथा परिचितों को क्रिसमस ग्रीटिंग कार्ड भी भेजते हैं। आज का दिन यीशु के जन्मदिन की याद दिलाता है। अगर उनकी नजर से देखा जाए तो यह पर्व मसीहियों का हृदय है। ये लोग प्रत्येक रविवार को गिरिजाघरों में सामूहिक आराधना करते हैं, जिसमें बाइबिल का पाठ, भजन एवं प्रार्थनाएं सम्मिलित हैं । आशीर्वचनों से आराधना समाप्त होती है। प्रत्येक मसीही पवित्र आत्मा का वरदान चाहते हैं।

🚀 यह भी पढ़ें :  उद्योग व्यापार मंडल चंबा द्वारा रचनाधर्मियों को सादे समारोह में किया गया सम्मानित
“चूंकि हम ईसाई नहीं हैं अतः एक दूसरे को इसकी वधाई तो नहीं दे सकते हैं परन्तु उस धर्म के विषयक जानकारी रखनी आवश्यक समझते हैं।” सभी धर्मों में एक जैसी परम्परा है। कुछ लोग समर्पित भाव से अपने प्रभु से प्रार्थना करते हैं और उन्हें उनका आशीर्वाद अवश्य मिलता है। जब तक ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास नहीं होगा तब तक न उनका आशीर्वाद मिलेगा न भगवान की कृपा ही मिलेगी। ईश्वर सबके साथ है, सबको समान रूप से देखता भी है। आज के इस दिन को ईसाई धर्म के लोग मनाते हैं, परन्तु यह स्पष्ट है कि यह भारतीय संस्कृति की ही विशेषता है कि हमारे यहां प्रत्येक दिन उत्सव का है और विश्व के सभी धर्मों के लोगों ने हमसे ही अपने यहां उत्सव मनाने का निर्णय लिया है। भारत प्राचीन काल से ही धर्म प्राण देश रहा है और यहां का आध्यात्म दर्शन, संयम- नियम, व्रत पालन एवं धर्माचरण पर ही आश्रित है। यहां से ही समूचे विश्व में यह सुकर्म बांटा गया है। अन्य धर्मों का अन्ध विश्वास क्या है इस पर न विचार करना है, न मानना ही है। पर यह सुनिश्चित है कि हमारे देश के अनुयायियों की भरमार है, हमें जिस तरह से भी सम्भव हो, अपने धर्म के प्रति सदैव समर्पित, जागरूक व कृतज्ञ रहना चाहिए । आज हिन्दू धर्म के लोग विश्व में पिछड़ते जा रहे हैं कारण यह है कि हम अपने वेद, उपनिषदों व पुराणों के प्रति आस्था वान कम हैं। स्मृतियों पर अटल विश्वास नहीं रख पाते हैं व उन्हें केवल उपेक्षा की दृष्टि से देखते हैं। ( घर की मुर्गी दाल बराबर) तो आइए आज से ही हम अपने धर्म के प्रति निष्ठावान बनने का संकल्प लें।

🚀 यह भी पढ़ें :  कोरोना का टूटा सन्नाटा, क्रान्तिभूमि चम्बा में किया गया लोक संस्कृति के विभिन्न विधाओं के पारंगतों, पत्रकारों व सरोला रसोइयों का सम्मान
सीखें विश्व के अन्य धर्मों से।
” सर्वतो भावेन यदि हम अपने धर्म की रक्षा नहीं कर सकते हैैं तो हम अस्तित्व हीन हो जाएंगे, क्योंकि धर्म उसी की रक्षा करता है जो धर्म की रक्षा करता है।–‘धर्मो रक्षति रक्षित: ‘ अतः यह सुनिश्चित चिन्तन करना है कि दूसरों के धर्म के विषयक जानकारी होनी आवश्यक है, मानना न मानना अलग-अलग विषय है, व अलग परम्परा भी है। यदि हम दूसरों के धर्म के धर्मावलंबी बनते हैं तो हमसे अधिक अनभिज्ञ कोई नहीं है। यह सब स्वाद की तरह है । भगवान श्री कृष्ण ने गीता में अर्जुन को भी यही उपदेश दिया था कि –

सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज ।
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच: ।।

सब कुछ छोड़कर केवल एक ईश्वर की शरण में जाना चाहिए। अतः अच्छाई कहीं भी हो ग्रहण कर लेनी चाहिए ‍। सचमुच भगवान के समान कृपालु और दृढ़ व्रती तो भगवान के अतिरिक्त और कोई हो ही नहीं सकता।‍ तो ऐसे प्रभु को क्यों छोड़ा जाय, तो आइए दृढ़ व्रती बनें। एक प्रतिज्ञा।

Print Friendly, PDF & Email

शेयर करें

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Tumblr (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on Telegram (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to email this to a friend (Opens in new window)

Like this:

Like Loading...
Tags: christmas day specialक्रिसमस डेबड़ा दिन
Share16Tweet10Share4

Related Posts

क्रांतिकारी कवि स्व.मनोहर लाल उनियाल 'श्रीमन्' जी की "मनोहर कुटी"

क्रांतिकारी कवि स्व.मनोहर लाल उनियाल ‘श्रीमन्’ जी की “मनोहर कुटी”

टिहरी सामंतसाही के विरुद्ध आग उगलने वाले क्रांतिकारी  कवि स्व.मनोहर लाल उनियाल 'श्रीमन्' आजादी के समय और स्वतंत्रतोत्तर काल के...

प्रधान नकोट की अनोखी पहल, लुप्त हुए जलश्रोतों का शोधन कर किया पुनर्जीवित

प्रधान नकोट की अनोखी पहल, लुप्त हुए जलश्रोतों का शोधन कर किया पुनर्जीवित

चम्बा प्रखण्ड की पट्टी मखलोगी अंतर्गत ग्राम पंचायत नकोट में प्रधान श्रीमती विनीता देवी ने अनोखी पहल कर कुछ ऐसा...

InShot 20220512 113543719

डॉक्टर पूजा ने अपनी शादी में किया कॉकटेल का बहिष्कार

दून मेडिकल कॉलेज मे कार्यरत बौराड़ी निवासी टीएचडीसी मे कार्यरत शक्ति प्रसाद चमोली की पुत्री पूजा ने कहा कि हमे...

बड़ी खबरः उत्तराखंड में भूकम्प से डोली धरती

बड़ी खबरः उत्तराखंड में भूकम्प से डोली धरती

उत्तराखंड में एक बार फिर भूकंप के झटकों से धरती डोल उठी। बुधवार सुबह करीबन 10 बजे पिथौरागढ़ जिले में...

Plugin Install : Widget Tab Post needs JNews - View Counter to be installed
  • Trending
  • Comments
  • Latest
क्रांतिकारी कवि स्व.मनोहर लाल उनियाल 'श्रीमन्' जी की "मनोहर कुटी"

क्रांतिकारी कवि स्व.मनोहर लाल उनियाल ‘श्रीमन्’ जी की “मनोहर कुटी”

विकास के लिए दुरुस्त संपर्क मार्ग होना अतिआवश्यक: विधायक प्रतापनगर

विकास के लिए दुरुस्त संपर्क मार्ग होना अतिआवश्यक: विधायक प्रतापनगर

"सौर ऊर्जा" रोजगार और ऊर्जा का बेहतर माध्यम: विधायक विक्रम नेगी

“सौर ऊर्जा” रोजगार और ऊर्जा का बेहतर माध्यम: विधायक विक्रम नेगी

Recent News

क्रांतिकारी कवि स्व.मनोहर लाल उनियाल 'श्रीमन्' जी की "मनोहर कुटी"

क्रांतिकारी कवि स्व.मनोहर लाल उनियाल ‘श्रीमन्’ जी की “मनोहर कुटी”

विकास के लिए दुरुस्त संपर्क मार्ग होना अतिआवश्यक: विधायक प्रतापनगर

विकास के लिए दुरुस्त संपर्क मार्ग होना अतिआवश्यक: विधायक प्रतापनगर

"सौर ऊर्जा" रोजगार और ऊर्जा का बेहतर माध्यम: विधायक विक्रम नेगी

“सौर ऊर्जा” रोजगार और ऊर्जा का बेहतर माध्यम: विधायक विक्रम नेगी

Meta

  • लॉग इन
  • प्रवेश फ़ीड
  • टिप्पणियाँ फ़ीड
  • WordPress.org

Most Popular Post

क्रांतिकारी कवि स्व.मनोहर लाल उनियाल 'श्रीमन्' जी की "मनोहर कुटी"

क्रांतिकारी कवि स्व.मनोहर लाल उनियाल ‘श्रीमन्’ जी की “मनोहर कुटी”

नवीन राजकीय महाविद्यालय खाड़ी में नियुक्त शिक्षकों हेतु ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन

नवीन राजकीय महाविद्यालय खाड़ी में नियुक्त शिक्षकों हेतु ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन

विकास के लिए दुरुस्त संपर्क मार्ग होना अतिआवश्यक: विधायक प्रतापनगर

विकास के लिए दुरुस्त संपर्क मार्ग होना अतिआवश्यक: विधायक प्रतापनगर

"सौर ऊर्जा" रोजगार और ऊर्जा का बेहतर माध्यम: विधायक विक्रम नेगी

“सौर ऊर्जा” रोजगार और ऊर्जा का बेहतर माध्यम: विधायक विक्रम नेगी

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर नकोट में हुआ शिशु भारती का गठन

सरस्वती शिशु विद्या मंदिर नकोट में हुआ शिशु भारती का गठन

प्रधान नकोट की अनोखी पहल, लुप्त हुए जलश्रोतों का शोधन कर किया पुनर्जीवित

प्रधान नकोट की अनोखी पहल, लुप्त हुए जलश्रोतों का शोधन कर किया पुनर्जीवित

पुरालेख

Follow Us on Twitter

My Tweets

Facebook Page

Facebook Page

About

सरहद का साक्षी

One of the most broadcasting Hindi News Portal all over rural area of Uttrakhand, Covers confirm news and intellectual views with burning issues virtually missing from the coverage of dominent corporate media.

Facebook Page

Facebook Page

Quick Links

  • BestBlog
  • Join Our WhatsApp Group
  • Join Our Facebook Page
  • Join Our Telegram Channel

Visitors

2512163
Total Visit : 2512163
Who's Online : 8
  • Home
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Contact Us

Copyright© 2022 |सरहद का साक्षी| All Rights Reserved - Designed By: Anurag Computer's Nakot, T.G. # +91 9456334277.

No Result
View All Result
  • Home
  • देश/दुनिया
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • बागेश्वर
    • चमोली
    • पौड़ी
    • चंपावत
    • देहरादून
    • हरिद्वार
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • रुद्रप्रयाग
    • टिहरी
    • उधमसिंह नगर
    • उत्तरकाशी
  • आध्यात्म
  • चारधाम यात्रा
  • Featured
    • कला/संस्कृति
    • राजनीति/चुनाव
    • अपराध
    • शिक्षा/स्वास्थ्य
      • कोविड-19
    • खेल/फ़िल्म जगत
    • कृषि/बागवानी
    • रोजगार
    • पर्यटन/पर्यावरण
    • साइंस/टेक्नोलोजी
    • कविता/कहानी
  • Sitemap

Copyright© 2022 |सरहद का साक्षी| All Rights Reserved - Designed By: Anurag Computer's Nakot, T.G. # +91 9456334277.

Welcome Back!

Sign In with Facebook
Sign In with Linked In
OR

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In
error: Content is protected !!
This website uses cookies. By continuing to use this website you are giving consent to cookies being used. Visit our Privacy and Cookie Policy.
loading Cancel
Post was not sent - check your email addresses!
Email check failed, please try again
Sorry, your blog cannot share posts by email.
%d bloggers like this: