चम्बा हादसाः आखिर कौन जिम्मेदार, शहर के अनियोजित विकास पर लगा प्रश्नचिन्ह
शहर के भविष्य के दृष्टिगत यहां के जन-प्रतिनिधियों को भी चिन्तन की आवश्यकता
चम्बा हादसाः टिहरी जिले की हृदयस्थली कहलाने वाली पर्यटन नगरी चम्बा में भूस्खलन से घटित हादसा शहर के अनियोजित विकास पर प्रश्नचिन्ह लगा गया है। सोमवार दोपहर बाद नई टिहरी मार्ग पर चम्बा थाने के गेट के पास भूस्खलन से पहाड़ी दरक पड़ी और इसके मलवे में कुछ बच्चों सहित वहां पार्क किए वाहन और सुलभ शौचालय भी दब गया।
इस हादसे में रेस्क्यू आपरेशन जारी रहने के दौरान मलबे में दबे ग्राम जसपूर कंडीसौड़ निवासी पूनम खंडूड़ी पत्नी सुमन सिंह उम्र 30 वर्ष, एक बच्चा पुत्र सुमन सिंह उम्र लगभग 04 माह, सरस्वती देवी बहन सुमनसिंह उम्र 32 वर्ष के शवों को निकालकर पंचनामे हेतु जिला अस्पताल बौराड़ी भेजा गया है। अभी रेस्क्यू जारी है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस पहाड़ी से मिट्टी व पत्थर पहले से ही गिर रहे थे। लोग के चलने से पत्थर गिरना समझकर हादसे से अनविज्ञ रहे। यदि पहले ही वहां पर खड़े वाहन हटा लिए जाते तो हादसे का शिकार हुए बच्चों व व्यक्तियों की जान को बचाया जा सकता था। चट्टान के दरकने की इस भयावह घटना ने चम्बा शहर के अनियोजित विकास पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
जिला मुख्यालय को जाने वाले इस मार्ग पर बिना भूगर्भीय जांच के पार्किंग निर्माण हेतु भारी भरकम पहाड़ी को काटा गया। इस पहाड़ी से कुछ वर्षों पूर्व एक नेपाली मजदूर की भी गिरकर मौत हो गई थी। फिर भी इसे नजरअंदाज किया गया है। वाहन पार्किंग स्थल पर सुरक्षात्मक प्रयास नहीं किए गए। इसके अलावा यहां पर सुलभ शौचालय भी निर्मित किया गया।
पार्किंग स्थल बनाये जाने से पूर्व इस पहाड़ी पर सुरक्षा की दृष्टि से भूस्खलन रोधी कार्य किए जाने नितान्त जरूरी थे। नई टिहरी में जिला मुख्यालय होने के फलस्वरूप देश विदेश की जानी मानी हस्तियां नगर के मुहाने पर स्थित इस पार्किंग स्थल से गुजरती हैं। किसी भी हस्ती की गिद्ध दृष्टि इस असुरक्षित पहाड़ी की ओर नहीं गई। जबकि इस पहाड़ी की बेतरतीब ऊंचाई से गिरकर पहले ही एक नेपाली मजदूर की मौत हो गई थी और आज की घटना ने इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक एक मासूम सहित दो महिलाओं के शवों को निकाला गया है।
जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दूरभाष के माध्यम से जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित से घटना की जानकारी प्राप्त कर प्रभावितों को तत्काल राहत प्रदान करने एवं आसपास के घरों को खाली करवाकर लोगों की अस्थाई व्यवस्था के निर्देश दिए है। साथ ही पूरा मलवा हटने तक मौके पर रहकर खोजबीन जारी रखने की भी निर्देश दिए हैं। क्षेत्रीय विधायक किशोर उपाध्याय भी घटना स्थल पर मौजूद रहे।
पार्किंग स्थल के लिए काटी गई यह चट्टान अभी भी सुरक्षित नहीं है। कभी भी किसी नई दुर्घटना को न्यौता दे सकती है। इसके लिए चम्बा नगर पालिका परिषद एवं टिहरी जिला प्रशासन को गम्भीर चिन्तन करने की आवश्यकता है। यूं तो समूचा चम्बा शहर भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है। एनएच पर बनीं सुरंग के चलते दिखोलगांव में भी कई स्थानों पर पहले से ही दरारों की शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं। इसका प्रभाव चम्बा शहर पर पड़ना भी लाजमी है।
शहर के भविष्य के दृष्टिगत यहां के जन-प्रतिनिधियों को भी चिन्तन की आवश्यकता है। क्योंकि अनियोजित विकास एवं अतिक्रमण के चलते चमुआखाल से प्रादुर्भूत वीसी गबरसिंह नेगी एवं अमर शहीद श्रीदेव सुमन की क्रांतिभूमि चम्बा निकट भविष्य में गम्भीर खतरे के दौर से गुजरने की आशंका से दूर प्रतीत नहीं होती है।