एक व्यंग हैं : पसंद आये तो एक स्माइल दीजियेगा
प्रस्तुति : हर्षमणि बहुगुणा, जिसने भी लिखा है, बहुत शानदार 👌लिखा👍 है।* *यह नदियों का मुल्क है,* *पानी भी भरपूर है।* *बोतल में बिकता है,* *बीस रू शुल्क है।* *यह गरीबों का मुल्क है,* *जनसंख्या भी भरपूर है।* *परिवार नियोजन मानते नहीं,* *जबकि नसबन्दी नि:शुल्क है।* *यह अजीब मुल्क है,* *निर्बलों पर हर शुल्क है।* *अगर आप हों बाहुबली,* *हर सुविधा नि:शुल्क है।* *यह अपना ही मुल्क है,* *कर कुछ सकते नहीं।* *कह कुछ सकते नहीं,* *जबकि बोलना नि:शुल्क…