नैचोली में शतचंडी महायज्ञ समापन पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने लिया मां राजराजेश्वरी का आशीर्वाद

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नैचोली में शतचंडी महायज्ञ समापन पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने लिया मां राजराजेश्वरी का आशीर्वाद
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नैचोली में शतचंडी महायज्ञ समापन पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने लिया मां राजराजेश्वरी का आशीर्वाद

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मंदिर सौंदर्यीकरण कराने हेतु धनराशि उपलब्ध कराने की घोषणा

गजा, डी.पी.उनियाल: नरेन्द्रनगर विधानसभा क्षेत्र के त्रिपुर बाला सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर नैचोली में शतचंडी महायज्ञ समापन पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मत्था टेक कर क्षेत्र की खुशहाली सुख समृद्धि और शांति सौहार्द की कामना करते हुए मां भगवती का आशीर्वाद लिया।

दस दिवसीय इस महायज्ञ में सूबे के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल सहित पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखी राम जोशी सनातन धर्म ध्वज वाहक स्वामी दर्शन भारती स्वामी आदि योगी, फकोट प्रमुख राजेन्द्र सिंह भंडारी, नगर पंचायत गजा अध्यक्ष मीना खाती, मसरुम गर्ल दिव्या रावत, भाजपा नेता गजेन्द्र सिंह खाती, राजेन्द्र सिंह खाती, रतन सिंह रावत सहित सैकड़ों भक्तों ने शिरकत कर मां राजराजेश्वरी मंदिर में हरियाली, प्रसाद लेकर भंडारे में रसोइया द्वारा तैयार किया गया भोजन लिया।

आपको बता दें कि त्रिपुर बाला सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर नैचोली में 20 मई से 29 मई तक दस दिवसीय शतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य पुजारी दिनेश प्रसाद उनियाल व पं.नीरज पंत नीरज, उनियाल योगेश उनियाल ने पूजा अर्चना हवनयज्ञ कराया। नैचोली व निकटवर्ती गांवों के श्रद्धालुओं ने प्रतिदिन पूजा कार्यक्रम में शामिल होकर यज्ञ में सहयोग किया।

समापन अवसर पर आये कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मंदिर सौंदर्यीकरण कराने हेतु धनराशि उपलब्ध कराने की घोषणा भी की वहीं स्वामी दर्शन भारती ने भक्तों से सनातन धर्म संस्कृति को बढ़ावा देने की अपील करते हुए कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है यहां कण कण में भगवान विराजते हैं।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जगदम्बा प्रसाद उनियाल, हरि प्रसाद बहुगुणा, पूर्णानन्द नौटियाल, एलएस राणा, विरेन्द्र दत्त विजल्वाण, विजयराम, भगवती प्रसाद उनियाल, रामकृष्ण नौटियाल, विनोद बहुगुणा, देवेन्द्र प्रसाद, ओम प्रकाश उनियाल, आशा राम, सुरेन्द्र सिंह चौहान, गम्भीर सिंह, सोहन सिंह, मूर्ति राम, गिरीश उनियाल सहित सैकड़ों भक्त मौजूद रहे। ढोल दमाऊ की थाप पर देवता भी अवतरित हुए।

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