दादर और नगर हवेली केंद्र शासित क्षेत्र में समरवाणी ग्राम पंचायत एक आदर्श ग्राम पंचायत के रूप में राजधानी क्षेत्र सिलवासा में स्थित है। जिसे स्वच्छता के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है।
[su_highlight background=”#091688″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी @कवि:सोमवारी लाल सकलानी, निशांत[/su_highlight]
मूल रूप से आदिजातीय लोग इस गांव में रहते हैं। कृषि, आखेटक इनका मुख्य व्यवसाय रहा है। आज समर बाणी गांव विकास का माडल है। साफ-सुथरी सड़कें, चारों ओर छोटे-छोटे बाग, समीप में गार्डन सिटी।
यह ग्राम पंचायत सिलवासा का हृदय स्थल कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। स्वच्छता के लिए प्रेरणास्प्रद यह ग्राम पंचायत है। मैंने इस गांव का अवलोकन किया। अनेक आदिजातीय लोगों से बातचीत की। उनके स्वच्छता के इस प्रयास को की जितनी भी सराहना की जाए कम ही कम है।
नगरीय क्षेत्र का गांव होने के नाते मैंने देश के नगरीय क्षेत्रों के समीप अनेक गाँवों को देखा लेकिन स्वच्छता के बारे में समरबाणी का कोई विकल्प नहीं है। कहीं पर भी कूड़ा कर्कट, प्लास्टिक प्रोडक्ट, पॉलिथीन नहीं दिखाई देता है। साफ-सुथरे कच्चे और पक्के मार्ग, चारों तरफ हरियाली, बिजली-पानी आधारभूत सुविधाओं से लैस यह ग्राम पंचायत भारत की आदर्श ग्राम पंचायतों में शुमार है।और इसे कि ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा की मिला है।गांव के अधिकांश लोग अब अपना पैतृक व्यवसाय छोड़कर कल कारखानों, उद्योग धंधों में लगे हुए हैं लेकिन फिर भी अपने गांव की संस्कृति, सभ्यता अपने स्थानीय देवी देवताओं के प्रति रुझान है। आदि जातीय संस्कृति को बचाने की उनके अंदर ललक दिखी। सिलवासा में अनेक रमणीय स्थान है लेकिन वे सरकारी प्रयासों से बने हैं।नक्षत्र वाटिका, हरवा गार्डन, मुक्तिधाम, बटरफ्लाई पार्क, वासोना स्थिति रमणीय स्थल, लायन सफारी पार्क, डियर पार्क आदि न जाने कितने सुंदर स्थान है जो कि पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र हैं लेकिन स्थानीय निवासियों के प्रयास से बना हुआ यह सुंदर गांव “ग्राम पंचायत समरवाणी” ग्राम पंचायत के लोगों के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। स्वच्छता जन जागरूकता के कार्यक्रम पूरे देश में चल रहे हैं। अनेकों प्रेरणास्पद कार्य समाज सेवी,सरकार, बुद्धिजीवी वर्ग और रचना धर्मी लोग समय-समय पर करते आए हैं लेकिन धरातल पर हम उनका कितना प्रयोग करते हैं, हम अपने आदर्शों का कितना पालन करते हैं, हम स्वच्छता और स्वस्थता के प्रति कितने जागरूक हैं, यह अंतर प्रेरणा के द्वारा निर्धारित होता है और इस अंतर प्रेरणा के झलक समरबाणी में देखने को मिलती है।
नगरीय और ग्रामीण सभ्यता का यह अस्थ आज भी आदिजातीय संस्कृति से भरपूर है। यहां के लोगों में एक अद्भुत जागृति भी दिखाई देती है यद्यपि उन्होंने अपनी संस्कृति को तो नहीं छोड़ा है। आधुनिक सभ्यता और विकास की दौड़ में भी वह किसी से पीछे नहीं हैं। संक्षेप में कहा जाए तो स्वच्छता प्रेमियों के लिए समरबाणी एक आदर्श है। केंद्र शासित क्षेत्र के राजधानी का यह गांव, इस गांव की कार्यशैली से काफी कुछ सीखा जा सकता है।देश के अधिकांश नगरों के किनारे- ग्रामीण इलाकों में अधिकांश डंपिंग जोन और कूड़ा निस्तारण स्थल बने हुए हैं जो कि आजादी के बाद भी अपनी दुर्दशा पर रो रहे हैं।
“स्वच्छ भारत मिशन” की पहल और जनजागृति के द्वारा अनेक शहर और गांव हैं, जिनकी कि आज स्वच्छता के रूप में पहचान है। राष्ट्रीय स्तर के सर्वेक्षण में स्थान पाना एक बड़ी बात है।
मुझे इस बात पर भी गर्व है कि हमारे उत्तराखंड का चंबा शहर जिसका कि मैं स्वच्छता ब्रांड एमबेस्डर भी हूं वह भी ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा प्राप्त शहर है, लेकिन यह सब नगर पालिका परिषद क्षेत्र होने के कारण, स्थानीय निकाय की व्यवस्थाओं के कारण हुआ है। समर बाणी ग्राम पंचायत की स्वच्छता ग्राम वासियों के सहयोग और अंत:प्रेरणा का एक जीता -जागता उदाहरण है।