सेना में भर्ती का अग्निपथ नो रैंक नो पेंशन दुर्भाग्यपूर्ण फैसला: राकेश राणा

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जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने कहा की सेना में भर्ती का अग्नीपथ योजना से देवभूमि उत्तराखंड के बेरोजगार नौजवान हताश ओर निराश है।

कहा उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल के नाम से गढ़वाल रेजीमेंट कुमाऊं के नाम से कुमाऊँ रेजीमेंट साथ ही गोरखा रेजीमेंट, सीआरपीएफ, असम राइफल सीआईएसएफ सहित देश की तीनों सेनाओं में उत्तराखंड के बेरोजगार नौजवान अपना भविष्य सुरक्षित मानते थे लेकिन उस पर भी केंद्र की मोदी सरकार की नजर लग गई और सेना अब मात्र एक प्रयोगशाला बंनकर रही जाएगी
केंद्र की मोदी सरकार सेना भर्ती को अपनी प्रयोगशाला बना कर भारतीय सेनाओं की गरिमा व परम्परा के साथ खिलवाड़ कर रही है। सेना भर्ती जैसे अति संवेदनशील मसले पर भी संसद में या संसद के बाहर न कोई चर्चा और बिना कोई गंभीर सोच-विचार किये सरकार मनमानी पर उतर आई है।

सेना में ‘रेग्युलर भर्ती’ की जगह 4 साल के लिये ‘कॉन्ट्रैक्ट भर्ती’ से देश की सुरक्षा के लिये उचित संदेश नहीं जा रहा है। कॉन्ट्रैक्ट भर्ती वाले युवाओं को सेना में न कोई रैंक मिलेगी और न ही कोई पेंशन। यानि मोदी सरकार अब “नो रैंक – नो पेंशन” की ओर कदम बढ़ा रही है। 4 साल बाद सेना से लौटने वाले 22 से 25 वर्ष के 75% अग्निवीरों के भविष्य के लिये कोई योजना और रूपरेखा भी मोदी सरकार के पास नहीं है।
4 साल बाद सेना भब भर्ती नौजवान हताश और निराश होकर अदानी अंबानी और अन्य उद्योगपति के घर के बाहर चौखट पर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी तलाश रहा होगा।
तथाकथित डबल इंजन वाली सरकार का उत्तराखंड के बेरोजगार नौजवानों की लिए यह बड़ा तोहफा है।