डिजिटल भारत का एक वेबिनार: सरहद पार गूंजी उत्तराखंड की संस्कृति, ऑनलाइन कार्यक्रम में उत्तराखंड के कलाकारों ने दी लाइव प्रस्तुति

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डिजिटल भारत का एक वेबिनार: सरहद पार गूंजी उत्तराखंड की संस्कृति, ऑनलाइन कार्यक्रम में उत्तराखंड के कलाकारों ने दी लाइव प्रस्तुति

[su_highlight background=”#0d1fa3″ color=”#fffcfe”]सरहद का साक्षी, देहरादून[/su_highlight] रास डिजिटल मार्ट और एचएनके फिल्म्स मार्ट के बैनर तले डिजिटल भारत का एक वेबिनार आयोजित किया गया। जिसमें माननीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के साथ उत्तराखंड की पर्यटन अपर निदेशक पूनम चांद भी सम्मिलित हुई। वेबिनार में दुबई एवं यूनाइटेड किंगडम से संस्कृति एवं कला को बढ़ावा देने वाले गणमान्य लोग जुड़े। ऑनलाइन कार्यक्रम में उत्तराखंड के लोक कलाकारों ने लाइव प्रस्तुति देकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ लोक कलाकार हेमा नेगी करासी, सौरभ मैथानी और अल्मोड़ा के जय मां धारी ढोल दमाऊ ग्रुप के कलाकारों व लोक कलाकार हरीश चंद्र शर्मा ने अपनी टीम के साथ मशकबीन और ढोल दमाऊ की  लाइव प्रस्तुति देकर किया। सोशल मीडिया फेसबुक पर वेबिनार  कार्यक्रम को 7000 से अधिक लोगों ने देखा।

डिजिटल भारत का एक वेबिनार: सरहद पार गूंजी उत्तराखंड की संस्कृति, ऑनलाइन कार्यक्रम में उत्तराखंड के कलाकारों ने दी लाइव प्रस्तुति

वेबिनार का संचालन गढ़वाल विश्वविद्यालय के दो पूर्व छात्र महिपाल सिंह रावत और पवन कुमार कोटियाल ने प्रोफेसर एसपी काला के निर्देशन में किया। वेबिनार में निम्न बिंदुओं पर चर्चा हुई। उत्तराखंड में शिक्षा के लिए अनुकूल व्यवस्था करना जिसमे  विदेशों से बच्चे पढ़ने आए।

प्रदर्शन के लिए मीडिया उद्योग और स्थानीय कलाकारों  को आगे बढ़ाना।

ग्रामीण स्तर पर प्रशिक्षण और कौशल विकास ताकि हम कम उम्र में ही

प्रतिभाओं को आगे बढ़ा सकें।

उद्यमियों और स्टार्टअप के लिए सही प्लेटफॉर्म चुनने के लिए ग्रामीणों को

मेंटरिंग सपोर्ट की जरूरत है।

इंटर्नशिप के अवसरों के लिए नेटवर्किंग समर्थन के साथ राज्य  के सहयोग से इको विलेज

टूरिज्म में स्टार्टअप के लिए नवोदित  उद्यमियों के लिए एक मंच प्रदान करना।

युवाओं के लिए अवसर पैदा करने के लिए डिजिटल माध्यम  का लाभ उठाना।

प्रतिभाओं को दिशा देने और सही जगह पर रखने में  प्रौद्योगिकी और मानवीय हस्तक्षेप का संयोजन।

वेबिनार में पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री जीे के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार किया जा रहा है। जिससे राज्य की सांस्कृतिक और पर्यटन से जुड़ व्यवसायों को एक तकनीकी पब्लिसिटी मिल रही है।

उत्तराखंड के कलाकार प्रदेश की संस्कृति को संरक्षित करने के साथ देश-दुनिया तक इसका प्रचार-प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जिससे आने वाली पीढ़ी को उत्तराखंड की लोक संस्कृति से रूबरू कराया जा सकेगा।

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उन्होंने कहा कि कोरोना से स्थिति सामान्य होने के बाद प्रदेश के लोक कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सरकार की ओर से मंच उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही कलाकरों को सम्मानित भी किया जाएगा। प्रदेश की संस्कृति पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है।

देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों का होटल पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन से ही स्वागत किया जाता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करती है। ऐसे में पारंपरिक वाद्य यंत्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए भी सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार कलाकारों के साथ खड़ी है।

वर्चुअल कार्यक्रम में विदेशों से प्रतिभाग करते हुए उत्तराखण्ड एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि उत्तराखण्ड के लोक कलाकार जब भी दुबई, यूएस आदि जगहों पर अपनी प्रस्तुति देने के लिए आयेंगे तो उन्हें हमारे एसोसिएशन की ओर से मानदेय व सहयोग किया जायेगा।

कार्यक्रम में दुबई के संस्थापक देवेंद्र सिंह कोरोंगा, उत्तराखंड एसोसिएशन, यूएस के संस्थापक नरेंद्र सिंह खरायत, उत्तराखंड एसोसिएशन यूके के निदेशक रामविर सिंह पंवार, उत्तराखंड एसोसिएशन यूके के वर्तमान संस्थापक मनीष जुगरान ने भाग लिया।