व्यावसायिकता की भागदौड़ में जहां महंगाई चरम सीमा पर है वहीं ऐसे बाजार भी आज मौजूद हैं जहां भले ही महंगाई चरम पर हो, मगर दुकानों का किराया 15 हजार नहीं अपितु 15 रुपया प्रतिमाह है। जी हॉं, यहा कोई सपना या हैरत की बात नहीं अपितु सच्चाई है कभी रियासत की राजधानी रहे इस बाजार की।
[su_highlight background=”#880e09″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी, अनुराग चौहान@नरेन्द्रनगर[/su_highlight]
कोई माने या न माने मगर टिहरी रियासत की राजधानी तथा टिहरी जिले का मुख्यालय रहे नरेन्द्रनगर की बाजार लाईन में बने दुकानों का किराया आज भी साढ़े सात रुपए से बढ़कर केवल 15 रुपया है, जिसे राजशाही के बाद अब लोक निर्माण विभाग दुकानदारों से वसूल करता है। रियासती काल में यह किराया राज धराने को जाता था। नरेन्द्रनगर की बाजार लाईन में आज जितनी भी दुकानें हैं उनमें चाहे सामान महंगा मिले, लेकिन दुकानों का किराया यदि आप देखें तो विश्वास ही नहीं होता। कई दुकानदार ऐसे भी हैं जो अब लोक निर्माण विभाग को किराया भी नहीं देते और मुफ्त में बाजार पर कब्जा किए हुए हैं। होना भी चाहिए। इन दुकानदारों अथवा किरायेदारों ने शुरुआती दौर से इतनी धनराशि किराये के रूप में दे दी है, जितनी आज उन दुकानों की कीमत भी नहीं है। लोक निर्माण विभाग यदि उन भवनों का आकलन करे तो आज की तिथि में अपने स्थापना काल से वे रहने लायक नहीं हैं। मगर वास्तुकला एवं उच्च गुणवत्ता के चलते ये बाजार लाईन भवन वर्तमान वास्तुकला व गुणवत्ता को धत्ता बताती हैं। बाजार लाईन में बनी इन दुकानों व उनके आगे का बरामदा गुणवत्ता की अहम मिशाल है।
दूसरी ओर नगर पालिका गठन के आरम्भिक दौर में जब यह टिहरी जनपद का मुख्यालय था, तत्समय नगर पालिका नरेन्द्रनगर में 25 वार्ड हुआ करते थे। जो अब जिला मुख्यालय नई टिहरी शिफ्ट होने के बाद घटती आवादी के कारण 4 वार्डों तक ही शिमट कर रह गया है। स्वच्छता के मामले में यदि जनपद की अन्य पालिकाओं से तुलना की जाय तो नगर पालिका परिषद नरेन्द्रनगर को मेरी दृष्टि में स्वच्छता के मामले में नम्बर वन पर होना चाहिए।
कुल मिलाकर यहां अवस्थित लघु एवं सुलभ शौचालयों में स्वच्छता का दूसरा कोई पर्याय नहीं है। बाजार स्थित राधा कृष्ण मन्दिर, नन्दी महाराज समेत किनवाणी स्थित राजमहल एवं एक पंच सितारा होटल इस नगर को शोभायमान करते हैं। यही नहीं इस नगर में कई और अन्य महत्वपूर्ण स्थल भी हैं। प्राचीन ओडाथली से प्रादुभूत यह नगर अपने आप में वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। पालिका परिषद का सामुदायिक भवन भी नगर की सुन्दरता पर चार चांद लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ता है।