उन्होंने काश्तकारों को समझाया कि हमारा प्रदेश वीर भडो का रहा है उसका कारण हमारा खान पान रहा है । मंडुआ , झंगोरा, कौणी, चिणा, बारहनाजा की विविधता युक्त खेती हमें रोग मुक्त रखती थी । इम्युनिटी पॉवर यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता दवाओं नहीं वल्कि हमारे पारम्परिक खान पान से मिलती है। काफल, हिंसर, बेडू , तिमला जैसी सैकड़ों वनस्पतियों से इम्युनिटी पॉवर बढ़ती है। अस्कोट पिथौरागढ़ नेपाल सीमा से यह यात्रा आराकोट उत्तरकाशी हिमाचल प्रदेश की सीमा पर पहुंची।
दस दिवसीय अध्ययन यात्रा दल ने उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री को देहरादून में रिपोर्ट सौंपी। अध्ययन दल के सदस्यों के चम्बा पहुंचते ही उनका जोरदार स्वागत किया गया। श्रीदेवसुमन स्मारक पर माल्यार्पण करने के बाद यात्री दल का माल्यार्पण किया गया। दल के सदस्यों विजय जरधारी, रघुभाई जरधारी, शशिभूषण भट्ट, शक्ति प्रसाद जोशी ने अनेक रोचक जानकारी दी।
इस अवसर पर व्यापार सभा चम्बा के विशन सिंह भण्डारी , दरमियान सिंह सजवाण, अराधना धूप के संजय बहुगुणा, श्रीमति सुषमा बहुगुणा, प्रगतिशील जन विकास संगठन गजा के दिनेश प्रसाद उनियाल, महेश लखेड़ा, दीनपाल, सहित अनेक व्यापारी व समाजसेवी उपस्थित रहे। स्वागत समारोह के बाद जलपान व मिष्ठान वितरण भी किया गया।