वात्सल्य की साक्षात मूर्ति है मॉ
प्रस्तुति: पं० सुन्दर लाल उनियाल सरहद का साक्षी वात्सल्य की साक्षात मूर्ति भी मॉ ही है, मॉ ही सभी प्रकार के रसो की रसेश्वरी भी है, इसीलिए ईश्वर ने भी बहुत सोच-विचार कर वात्सल्य के पूर्णकूम्भ को प्रदान करने के लिये एक मॉ का ही चयन किया है। उपाध्यायात् दश आचार्यः आचार्याणां शतं पिता।सहस्रं तु पित्रन् माता गौरवेणअतिरिच्यते।। जिस प्रकार मानव के जीवन में शिक्षा और ज्ञान प्रदान करने में आचार्य, सामान्य शिक्षकों से दस गुणा श्रेष्ठ होता है और एक सौ…