राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर (दिन-रात) का शुभारंभ

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राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर (दिन-रात) का शुभारंभ
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राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का सात दिवसीय विशेष शिविर

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर (दिन-रात) का शुभारंभ पुराना बालिका छात्रावास, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में मुख्य अतिथि श्री सदानंद पोखरियाल, थाना प्रभारी अगस्त्यमुनि एवं प्रभारी प्राचार्य डॉ. सीताराम नैथानी द्वारा दीप प्रज्वलन के माध्यम से हुआ, जिसमें स्वयंसेवकों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियां दी गई।

प्रभारी प्राचार्य महोदय ने स्वयंसेवकों को आशीर्वचन के साथ शुभकामनाएं देते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय कैंप के महत्व के बारे में बताया। कर्म की प्रधानता पर बल देते हुए उन्होंने स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया।

मुख्य अतिथि ने युवाओं के व्यक्तित्व के विकास के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना को आवश्यक बताया। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के लोगों के साथ मिलकर, समाज के हित में किया गया कार्य ही राष्ट्रीय सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य है।

उन्होंने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए स्वयंसेवकों को कहा कि जीवन में एक निश्चित लक्ष्य का निर्धारण होना अत्यंत आवश्यक है।

महाविद्यालय के वरिष्ठतम प्राध्यापक डॉ० दलीप सिंह ने स्वयंसेवकों को नशा मुक्त रहने का संदेश देते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना विषम परिस्थितियों में रहकर सीखने का माध्यम है।

इसके पश्चात वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ० निधि छाबड़ा द्वारा आगामी सात दिवसीय शिविर की रूपरेखा प्रस्तुत की गई तथा उन्होंने स्वयंसेवकों को पूर्ण अनुशासित रहकर सात दिवसीय शिविर में उत्साह के साथ सभी गतिविधियों में प्रतिभाग करने का आह्वान किया ।

छात्र महासंघ अध्यक्ष श्री संतोष त्रिवेदी ने स्वयंसेवकों को साथ मिलकर कार्य करने की प्रेरणा दी और कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के प्रत्येक दिवस में किए गए अनुभवों को जीवन में अवश्य आत्मसात करें।

छात्र संघ सचिव श्री सुनील मेहरा ने स्वच्छता का संदेश देते हुए अपने विगत वर्ष के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय शिविर के अनुभव साझा किए।

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ० जितेंद्र सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ० ममता शर्मा एवं महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापकों सहित श्री ताहिर अहमद, श्री संदीप सिंह राणा, श्रीमती विनीता रौतेला, श्रीमती शर्मिला इत्यादि कर्मचारी एवं स्वयंसेवी उपस्थित रहे।

अपराह्न के द्वितीय सत्र में बौद्धिक सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ० दलीप सिंह बिष्ट जी ने “नशा उन्मूलन” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि नशा युवा जीवन की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण है। यदि एक बार चाहे या अनचाहे नशा जीवन में प्रवेश कर लेता है, तो उससे छुटकारा पाना आसान नहीं होता है। यदि हमें एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना है, तो नशे जैसी चीज को जड़ से खत्म करने का संकल्प करना चाहिए।

अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्य गीत के माध्यम से आज के बौद्धिक सत्र का समापन हुआ।

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