मां सुरकंडा को बेटी की तरह किया मायके जड़धार गांव से सुरकुट पर्वत के लिए विदा

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मां सुरकंडा को बेटी की तरह किया मायके जड़धार गांव से सुरकुट पर्वत के लिए विदा
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मां सुरकंडा को बेटी की तरह किया मायके जड़धार गांव से सुरकुट पर्वत के लिए विदा

मां की विदाई पर ग्रामीणों के निकल पड़े आंसू
चैत्र अष्टमी पर आठ दिन मायके में रही मां सुरकंडा

मां सुरकंडा देवी को अपने मायके जड़धार गांव से सुरकुट पर्वत के लिए मां के जयकारों के साथ भावपूर्ण माहौल में विदा किया गया। इस मौके पर ग्रामीण भावुक हो गए, खासकर महिलाओं की आंखों से आंसू निकल पड़े।

प्रखंड चंबा के जड़धार गांव से माँ सुरकंडा देवी को भावपूर्ण माहौल में मां के जयकारों के साथ सुरकुट पर्वत के लिए विदा किया गया। जब मां सुरकंडा की अपने मायके से विदाई हो रही थी, तो उस समय का दृश्य देखने लायक था।

ग्रामीणों ने मां भगवती को बेटी की तरफ विदा किया। इस समय लोग भावुक हो गए, खासकर महिलाओं की आंखों से तो आंसू निकल पड़े। इससे पूर्व सर्वप्रथम गांव स्थित मां के मंदिर में प्रातः काल मां की विशेष पूजा-अर्चना की गई। उसके बाद रोट-भेंट नैवेद्य चढ़ाकर पंचायती हरियाली काटी गई। फिर मां के दर्शनों को मंदिर में भक्तों का तांता लग गया।

दोपहर तक लोग मां के दर्शन करते रहे। इस बीच गांव के ढोल वादकों ने ढोल नगाड़ों की थाप पर मां की स्तुति की और क्षेत्र की सुख-समृद्धि की मन्नत मांगी। फिर मां के पश्वा ने नृत्य कर हवा में चावल भी बिखेरे और लोगों को आशीर्वाद दिया।

अष्टमी के दिन मां के दर्शन करने को दूर दूर से लोग आए। मां के दर्शन करने के बाद ग्रामीणों ने भंडारे का भोज भी ग्रहण किया। उसके बाद मां को सुरकुट पर्वत के लिए विदा किया गया।

इस मौके पर ग्राम पंचायत की ओर से अपनी ससुराल से मायके आई बेटियों (ध्याणता) को कलेऊ/प्रसाद देकर व पिठाई लगाकर सम्मान प्रदान किया गया। वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय विधायक किशोर उपाध्याय भी जड़धार गांव स्थित मां सुरकंडा मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने मां के दर्शन करने के बाद ग्रामीणों से वार्ता की और कहा कि मां के मंदिर के आंगन के विस्तारीकरण का जो कार्य होगा, वह विधायक निधि करवाया जाएगा।

बताते चलें कि बीते 20 मार्च को जड़धार गांव के लोग मां सुरकंडा को लेने सुरकुट पर्वत गए, जहां से वे करीब 18 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर मां सुरकंडा को गांव लाए।

इस मौके पर ग्राम प्रधान प्रीती जड़धारी, मंदिर समिति के अध्यक्ष जीत सिंह जड़धारी, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुखपाल सिंह जड़धारी, समाज सेवी विजयजड़धारी, उत्तम जड़धारी, पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष देव सिंह पुंडीर, साहित्यकार सोमवारी लाल सकलानी, सुंदर सिंह, सुमेर सिंह, कलम सिंह, मनवीर सिंह, वीर सिंह, सोहन सिंह आदि ग्रामीण मौजूद रहे।

यह है परंपरा और मान्यता

चंबा प्रखंड के जड़धार गांव के लोगों को मां सुरकंडा देवी का मैती अर्थात मायके वाला माना जाता है और पुजाल्डी गांव के लेखवार लोग माँ के पुजारी हैं। जड़धार गांव के लोग हर तीसरे वर्ष नवरात्र के मौके पर मां सुरकंडा को गांव बुलाते हैं।

नवरात्र में आठ दिन देवी मायके में रहती है और अंतिम दिन नवरात्र के समापन पर मां को मंदिर के लिए विदा किया जाता है। सुरकुट पर्वत से करीब 18 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर देवी को जड़धार गांव लाया जाता है।

इस दौरान गांव में मां की पूजा अर्चना की जाती है और क्षेत्र के अन्य गांव के लोग भी मां के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करते हैं।

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