तैंतीस साल सेवा करने के उपरांत सेवानिवृत हुए प्रधानाचार्य श्री कर्मवीर सिंह सज्वाण

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तैंतीस साल सेवा करने के उपरांत सेवानिवृत हुए प्रधानाचार्य श्री कर्मवीर सिंह सज्वाण
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शिक्षक, प्रशासक और प्रधानाचार्य के रूप में रही है: विशिष्ट पहचान

रा. इ. का. बोरगांव थौलधार के प्रधानाचार्य श्री कर्मवीर सिंह सिंह सज्वाण तैंतीस साल सेवा करने के उपरांत सेवानिवृत हो गए हैं।

सरहद का साक्षी @कवि:सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’

सेवाओं की शुरुआत करते हुए कई वर्षों तक श्री देव सुमन राजकीय इंटर कॉलेज चंबा में आपने प्रधानाचार्य के दायित्वों का निर्वहन किया। पदोन्नति के फलस्वरूप सन 2015 में आप रा. उ. मा. वि. बोरगांव में प्रधानाचार्य बने। तदोपरांत कुछ ही समय बाद प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नत हुए और इसी पद से 30 जून को सेवानिवृत्त हो गए। श्री कर्मवीर सिंह सज्वाण जी मेरे पुराने मित्र, साथी, मार्गदर्शक और शुभचिंतक रहे हैं। उनसे समय -समय पर बहुत कुछ सीखने को भी मिला। सबसे बड़ी बात यह है कि वह अपने कार्यों के प्रति पूर्णत:संवेदनशील और दक्ष रहे हैं। चाहे वह पठन-पाठन का कार्य हो, प्रशासन का कार्य हो, प्रबंधन और वित्तीय कार्यों हों, या नवाचार के कार्य हों, श्री सज्वाण जी ने बखूबी अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार की पृष्ठभूमि के श्री सज्वाण किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। उनके दादाजी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय धूम सिंह सज्वाण, पिताजी सामाजिक कार्यकर्ता श्री उमराव सिंह सज्वाण और वर्तमान में उनके छोटे भाई (राजवीर सज्वाण) क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं। इसके अलावा उनके गांव का भी राजशाही से आज तक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। टिहरी रियासत के अंतिम सेनापति कमांडेंट नत्थू सिंह सज्वाण, स्वर्गीय धूरत सिंह सज्वाण आदि अनेकों लोग उनके गांव में पैदा हुए। प्रशासनिक क्षेत्र में भी गुल्ड़ी का नाम है।

श्री कर्मवीर सिंह सज्वाण जी की धर्मपत्नी भी आदर्श शिक्षिका हैं। बेटा विदेश में सेवारत हैं। बहू (छोटे भाई की पत्नी) भी  शिक्षिका हैं। चंबा में शहीद धूम सिंह सज्वाण स्मृति चिल्ड्रन्स अकादमी( जूनियर हाई स्कूल) स्थापित है, जिसकी मॉनिटरिंग भी वह करते हैं और उनके छोटे भाई प्रबंधक हैं।

इस प्रकार सरकारी सेवा हो या गैर सरकारी सेवा ,समाजिक उन्नयन, शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्य, उनकी कार्य शैली, सहयोग की भावना, उनके अंदर जन्मजात विद्यमान गुण हैं।

श्री कर्मवीर सिंह सजवान कार्य कुशल होने के साथ-साथ अनुशासन प्रिय व्यक्ति हैं। अनुशासनहीनता उन्हें कभी भी सहन नहीं हुई है। साथ ही एक शिक्षक के रूप में भी उनके असंख्य छात्र-छात्राएं उन्हें एक आदर्श शिक्षक के रूप में सम्मान देते हैं।

सबसे बड़ी बात यह है कि श्री कर्मवीर सिंह सज्वाण जब प्रवक्ता रूप में कार्यरत थे तो उन्होंने व्यक्तिगत रूप से भी अपने छात्र- छात्राओं का सहयोग किया। अपने निजी समय में भी उनको पढ़ाया लेकिन कभी भी किसी छात्र- छात्रा से  ट्यूशन फीस नहीं ली। यह उन का बड़ा उपकार है। जिसे आज भी अभिभावक और छात्र भूले नहीं हैं।

श्री कर्मवीर सिंह सज्वाण हंसमुख, गंभीर, कार्य कुशल और कर्तव्यनिष्ठ होने के साथ-साथ समय के पाबंद शिक्षक और अधिकारी रहे हैं।

उनकी सेवानिवृत्ति के अवसर पर उन्हें भावभीनी विदाई  के अवसर पर बधाई और उनकी नई पारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।

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