“कर्तव्य करते हुए मर जाना” युक्ति का प्रत्यक्ष उदाहरण है चंबा स्थित जगरनयन बडोनी की दुकान

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    “कर्तव्य करते हुए मर जाना” युक्ति का प्रत्यक्ष उदाहरण देखना है तो कालेज रोड चंबा स्थिति श्री जगरनयन बडोनी जी की दुकान में आकर के देखें।

    [su_highlight background=”#880e09″ color=”#ffffff”]सरहद का साक्षी@कवि:सोमवारी लाल सकलानी, निशांत[/su_highlight]

    फुर्सत के क्षणों में कभी कभी कुछ देर तक चंबा के कर्मवीर श्री जगरनयन बडोनी जी की दुकान में बैठ जाता हूं।

    69 वर्षीय श्री जगरनयन बडोनी जी की कर्तव्य परायणता देखकर पुरानी युक्ति याद आ जाती है, “डाय इन हार्नेस” कर्तव्य करते हुए मर जाना। श्री जगरनयन बडोनी पंडित स्व हरिराम बडोनी जी के पौत्र हैं। उनके पिता श्री कमल नयन बडोनी और चाचा श्री परशुराम बडोनी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं जो कि अमर शहीद श्री देव सुमन के भाई थे।

    टिहरी सामंतशाही के विरुद्ध 84 दिन की भूख हड़ताल के बाद उनके चाचा श्री देव सुमन जी पंचतत्व में विलीन हो गए थे जो कि आज भी विश्व के इतिहास में अप्रतिम घटना है।

    श्री जगरनयन बडोनी जी को मै विगत 50 साल से जानता हूं। श्री देव सुमन जी के परिवारजन होते हुए भी उनके अंदर आजादी के 75 वर्ष बाद तक कभी अहंकार नहीं उत्पन्न हुआ। सुबह से शाम तक कॉलेज रोड चंबा में स्थित अपनी दुकान पर अपने मकैनिकल इंजीनियरिंग के कार्यों में लगे रहते हैं। यही नहीं अनेक युवाओं को भी उन्होंने रोजगार दे रखा है जो कि आज की परिस्थितियों में एक बहुत बड़ा उपकार है।उनके अनेक प्रशिक्षणार्थी आज आत्मनिर्भर हैं।

    श्री जगन्नयन बडोनी मशीनों की रिपेयरिंग के विशेषज्ञ हैं। लगभग 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के अंतर्गत वाले क्षेत्र के असंख्य लोग आटा चक्की, जनरेटर, मिक्सर ग्राइंडर या अन्य कृषि उपकरणों की मोटर्स को बनाने और ठीक कराने के लिए श्री बडोनी जी की दुकान पर आते हैं। अपने ग्राहकों की संतुष्टि उनके जीवन का लक्ष्य है।

    जब पहली बार हमारे क्षेत्र में विद्युतीकरण हुआ और मैंने अपने घर पर बिजली लगवाई तो उसके लिए BELबेल फॉर्म की आवश्यकता पड़ती थी। श्री बडोनी जी अकेले ऐसे व्यक्ति से जो कि वह समय बिजली की फिटिंग करते थे और बडोनी इलेक्ट्रिकल्स के नाम से चंबा में उनकी फर्म थी। वह विद्युत विभाग के नंबर वन ठेकेदारों मे उस समय थे। संतोषप्रद बिजली फिटिंग करना उनका उद्देश्य रहता था। समय ने करवट बदली और बाद में श्री जगरनयन बडोनी ने अपनी कालेज रोड में दुकान खोल दी और लगातार 50 वर्षों से वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग की दुकान का संचालन कर रहे हैं।

    मेरे संबंधी होने के बावजूद भी मैं मानता हूं कि श्री जगरनयन बडोनी पूरे चंबा क्षेत्र, जौनपुर,थौलधार, नरेंद्र नगर या सम्पूर्ण टिहरी गढ़वाल के भी संबंधी हैं। सुबह से शाम तक उनके दुकान में आवश्यक उपकरणों की मरम्मत का काम शुरू हो जाता है और संतोषजनक ढ़ंग से वह यथा समय सेवाएं देते रहते हैं।

    उनकी दुकान पर अनेकों चर्चित लोग, समाजसेवी और गणमान्य व्यक्ति भी आते हैं। बैठते हैं और श्री बडोनी यथोचित सत्कार करने से भी कभी चूकते नहीं हैं। साथ ही बातचीत में अपने कार्य में संलग्न रहते हैं।
    आज पूर्व सैनिक संगठन के संरक्षक श्री इंद्र सिंह नेगी जी के साथ अनेक पहलुओं पर उनसे बातचीत हुई। कई प्रकार की जानकारियां प्राप्त हुई।

    स्वतंत्रता संग्राम के बारे में जो पढ़ा और पढ़ाया ज्ञान था वह श्री बडोनी जी के व्यावहारिक ज्ञान से और अधिक परिपक्व हुआ। मैं आदरणीय श्री जगरनयन बडोनी जी के शतायु होने की ईश्वर से कामना करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि वह दशकों तक इसी प्रकार जन सेवा करते रहें। क्षेत्रवासियों को लाभान्वित करते रहें।

    एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के व्यक्ति होने के नाते उनके अंदर आज भी क्रांति की ज्वाला धधकती है और उनका प्रयास रहता है कि न्याय, जनता की सुख सुविधा, स्वतंत्रता और समानता के लिए जो श्री देव सुमन जी ने अपने जीवन का बलिदान किया, उसे अक्षुण्य बनाकर रखें। यही उनका लक्ष्य है। इसी निमित्त वह समर्पित भाव से अपने सेवाकर्म में लगे रहते हैं।
    ‘कर्तव्य करते हुए मर जाने’ का यदि असली उदाहरण कोई जानना चाहता है तो वह कालेज रोड, चंबा में श्री जगर नयन बडोनी की दुकान में आकर सीख सकता है।