‘उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों का ऐतिहासिक महत्व’ विषय पर महाविद्यालय कोटद्वार में निबंध प्रतियोगिता आयोजित

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'उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों का ऐतिहासिक महत्व' विषय पर महाविद्यालय कोटद्वार में निबंध प्रतियोगिता आयोजित
'उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों का ऐतिहासिक महत्व' विषय पर महाविद्यालय कोटद्वार में निबंध प्रतियोगिता आयोजित
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‘उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों का ऐतिहासिक महत्व’

निबंध प्रतियोगिता आयोजित

‘उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों का ऐतिहासिक महत्व’ विषय पर डॉ. पीताम्बरदत्त बर्थवाल हिमालयन राजकीय स्नातकोतर महाविद्यालय कोटद्वार के IQAC के सहयोग से इतिहास विभाग की विभागीय परिषद के तत्वावधान में निर्धारित कार्यक्रम की श्रृंखला के अन्तर्गत उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहरों के प्रचार- प्रसार एवं संरक्षण के प्रयासों के क्रम में निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें इतिहास विषय के स्नातक प्रथम सेमेस्टर से स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर में अध्ययन करने वाले छात्र/छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया।

निबंध प्रतियोगिता शुरू होने से पूर्व विभाग प्रभारी डॉ. प्रवीन जोशी ने अपने संबोधन में समस्त प्रतियोगियों को अनुशासन, विषय का गहराई से अध्ययन, भावी परीक्षाएं, लेखन शैली आदि पर चिंतन करके जीवन में सफ़ल होने के गुर बताए। निबन्ध प्रतियोगीता का आयोजन डॉ. प्रवीन जोशी के दिशा-निर्देशन में किया गया।

इस अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पंवार ने अपने वक्तव्य में कहा कि निबंध प्रतियोगिता का शीर्षक “उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों का ऐतिहासिक महत्व’ की सार्थकता इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपनी संस्कृति और धरोहर को बचाए रखने का सदैव प्रयास करे, सच बात इसमें निहित है कि हमारे धार्मिक स्थल ही हमारे तीर्थ है और हमारे तीर्थ ही हमारा इतिहास एवं संस्कृति है, जिसको संजोने एवं संरक्षण की जिम्मेदारी हम सबकी है। विभाग के प्राध्यापक डॉ. जुनीश कुमार ने निबन्ध प्रतियोगिता के उद्देशो एवं लाभ से अवगत करवाया।

डॉ. धनेन्द्र कुमार ने इस निबन्ध प्रतियोगिता से संबंधित नियमों से प्रतिभागियों को अवगत करवाया। निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर शुभम चंद्र भारद्वाज, द्वितीय स्थान पर कु तानिया रावत एवं तृतीय स्थान पर क्रमश: कु मुस्कान, ऋतू कुकरेती रहे। विभाग द्वारा सांत्वना पुरस्कार के रूप में कु सिमरन, कु करिश्मा नेगी, कु अंजना केष्टवाल का भी चयन किया गया। निर्णायक मण्डल में डॉ. सोमेश ढौंडियाल एवम डॉ. हीरा सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

निबंध प्रतियोगिता के समापन पर डॉ. जुनीश कुमार ने आयोजन समिति की ओर से प्राचार्या, निर्णायक मण्डल के सदस्यों एवं सभी प्रतिभागियों का आभार ज्ञापित किया।

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