आत्मनिर्भर भारत विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन, अर्थशास्त्र विषय के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर किया प्रतिभाग

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आत्मनिर्भर भारत विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन, अर्थशास्त्र विषय के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर किया प्रतिभाग
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आत्मनिर्भर भारत विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन, अर्थशास्त्र विषय के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर किया प्रतिभाग

आने वाले कुछ सालों में भारत अधिकतर वस्तुओं का निर्माण देश में ही करेगा, आत्मनिर्भर भारत का स्लोगन लोकल फॉर वोकल है: डॉ मैन्दोला

ऋषिकेश: पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के अर्थशास्त्र विभाग की विभागीय परिषद द्वारा आत्मनिर्भर भारत विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसने अर्थशास्त्र विषय के छात्र-छात्राओं द्वारा बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया।

आत्मनिर्भर भारत विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन, अर्थशास्त्र विषय के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर किया प्रतिभागअर्थशास्त्र की विभागाध्यक्ष प्रो पुष्पांजलि आर्य ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और आत्मनिर्भर भारत विषय पर अपने विचार रखे कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना एवं अतिथियों को पुष्प भेंट कर की गई।

इस कार्यक्रम में जूनियर रिसर्च फेलो पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से रेणुका व्यास अमर उजाला ब्यूरो चीफ संजीव खत्री, क्षेत्राधिकारी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से गंगा प्रसाद भट्ट, एमआईएस विशेषज्ञ नगर निगम ऋषिकेश से गुरमीत सिंह, पर्यावरणविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री विनोद जुगलान उपस्थित रहे हैंं।

छात्रा रेनू चौहान ने प्रतियोगिता में प्रतिभाग करते हुए अपने विचार रखते हुए कहा कि आत्म निर्भरता मुख्यतः पांच तत्वों पर निर्भर करती है अर्थव्यवस्था, मांग, जनसँख्या, तंत्र और संरचना। भारत की कला और संस्कृति को देखते हुए यह बात स्पष्ट होती है कि भारत प्राचीन काल से ही आत्मनिर्भर रहा है। निजाम ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा आज हमे खुद को आत्मनिर्भर बनाने की जरुरत है।

आत्मनिर्भर होने का मतलब है कि आपके पास जो हुनर है उसके माध्यम से एक छोटे स्तर पर खुद को आगे की ओर बढ़ाना है या फिर बड़े स्तर पर अपने देश के लिए कुछ करना है।

सिमरन अरोरा ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा इस अभियान के तहत छोटे वर्ग के लोग जो कोई बिज़नेस करना चााहते, उन्हें सस्ते दर पर लोन उपलब्ध कराया जायेगा। विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा दी जाएगी जिससे उनके अंदर कौशल का विकास हो ताकि वो रोजगार प्राप्त कर सके।

अभिनव गुप्ता ने कहा आत्मनिर्भर भारत से अपने यहां के उद्योगों मे सुधार करना और युवाओं के लिए रोजगार, गरीबों के लिए पर्याप्त खाना ही इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।

संजना जयसवाल ने कहा हम भारत को आत्मनिर्भर भारत के रुप मे देख सकते है। कुटीर उद्योग, मत्स्य पालन इत्यादि आत्मनिर्भर भारत के कुछ उदाहरण है।

सुधांशु ने अपने विचार रखते हुए कहा आप स्वयं के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की राह मे अपना योगदान दे सकते है, और हम सब मिलकर एक आत्मनिर्भर राष्ट्र निर्माण सपने को मजबूत बनाने मे सहयोग कर सकते है।

आप खुद को आत्मनिर्भर बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर सकेगें और इसके साथ ही आप अपने राष्ट्र मे भी अपना योगदान दे सकेगें।

सोनिया अपने विचार रखते हुए कहा इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि भारत के संसाधनों से बनी वस्तुओं को भारत मे ही उपयोग मे लाना है।

इस अवसर पर अतिथि रेणुका व्यास ने छात्र छात्राओं को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया करते हुए कहा कि हमें विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान देना चाहिए I

गुरमीत ने अपने संबोधन में कहा कि आज के समय में रोजगार के अनेकों अवसर हमें मिलते हैं हमें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के द्वारा कचरे का मैनेज करके भी आत्मनिर्भर बन सकते हैं, इसके लिए हमें पहल करनी होगी, जिससे हमारा पर्यावरण स्वच्छ रहेगा, इस क्षेत्र में युवाओं को आगे आना चाहिए।

विनोद जुगलान ने अपने संबोधन में कहा इस अभियान का मुख्य उदेश्य बाहर की वस्तुओं पर निर्भर न रहकर अपने ही देश में एक बेहतर और अच्छी गुणवत्ता वाला उत्पाद तैयार करना है।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ अशोक कुमार मैन्दोला ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए निबंध प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागियों के परिणाम छात्र-छात्राओं के सम्मुख रखें। आत्मनिर्भर भारत विषय पर भाषण प्रतियोगिता में अभिनव गुप्ता ने प्रथम स्थान सिमरन अरोड़ा ने द्वितीय स्थान तथा रेनू चौहान सुधांशु ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।

डॉ मैन्दोला ने कहा इस अभियान के तहत आने वाले कुछ सालों में भारत अधिकतर वस्तुओं का निर्माण देश में ही करेगा। इसी वजह से इस अभियान का नाम आत्मनिर्भर भारत अभियान रखा गया है। इस अभियान का स्लोगन लोकल फॉर वोकल है I

विश्वविद्यालय परिसर के प्राचार्य प्रो महावीर सिंह रावत ने सभी सफल प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं दी।कार्यक्रम के अंत में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई I

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