सेवा के साथ सहयोग की मिशाल हैं शाखा प्रबंधक रविश कुमार

641
सेवा के साथ सहयोग की मिशाल हैं शाखा प्रबंधक रविश कुमार एसबीआई चंबा में हैं कार्यरत, रखते हैं महिलाओं,बच्चों और वृद्ध उपभोक्ताओं का ध्यान
play icon Listen to this article

सेवा के साथ सहयोग की मिशाल हैं शाखा प्रबंधक रविश कुमार

एसबीआई चंबा में हैं कार्यरत, रखते हैं महिलाओं,बच्चों और वृद्ध उपभोक्ताओं का ध्यान

सेवा के साथ सहयोग की मिशाल हैं एसबीआई शाखा चम्बा में कार्यरत प्रबंधक रविश कुमार। व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में क्यों न हो यदि निष्ठा, ईमानदारी और कार्य कुशलता से कार्य करते हों तो सम्मान के पात्र हैं। भारतीय स्टेट बैंक चंबा में कार्यरत शाखा प्रबंधक श्री रविश कुमार जी की सेवा, सहयोग और विनम्रता की बात की जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

वर्तमान में अनेक लोग जहां बैंक कर्मचारी/अधिकारियों की कार्य शैली पर टिप्पणी करते हैं, सरकारी या अर्ध- सरकारी अधिकारी/ कर्मचारियों के व्यवहार पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं, वहीं आज भी हर क्षेत्र में ऐसे अच्छे, योग्य और कार्य कुशल अधिकारी हैं जिनके कार्य और व्यवहार का जनता व उपभोक्ता सम्मान करते हैं।

सरकारी कार्यालय, बैंक, पोस्ट आफिस,स्कूल,बिजली- पानी विभागों में आम- खास सभी आदमियों का काम पड़ता है। दूरदराज से लोग अपने कार्य के बाबत इन विभागों और संस्थानों में आते हैं यदि यथासमय उनका कार्य निष्पादित हो जाए तो उन्हें खुशी मिलती है। साथ ही संबंधित कार्यालय, विभाग प्रतिष्ठा की इज्जत भी बढ़ती है।

टिहरी गढ़वाल का सौभाग्य है कि प्रशासन, पुलिस, बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सेवाओं में ऐसे अच्छे अधिकारी समय-समय पर सेवारत रहे हैं जिनको लोग आदर के साथ स्मरण करते हैं। वर्तमान में भी अच्छे लोगों की संख्या ज्यादा है।

परंपरागत शिक्षा प्राप्त और सीनियर सिटीजन होने के नाते, वर्तमान में हमें डिजिटल और तकनीकी ज्ञान अपेक्षाकृत कम है। इसके लिए किसी भी क्षेत्र में संबंधित अधिकारियों या कर्मचारी से सहयोग लेना पड़ता है। यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी ने सहयोग कर लिया तो हम उसे उपकार मानते हैं। यह हमारे संस्कारों में है।

एसबीआई चंबा में कार्यरत शाखा प्रबंधक रविश कुमार एक सामान्य घर से निकले हुए व्यक्ति हैं। जिन्होंने नवोदय विद्यालय से पढ़कर उच्च शिक्षा हासिल की और बैंकिंग सेवा में आये।

बैंकिंग सेवा पब्लिक ड्रिलिंग का कार्य है। उनके कार्य तथा व्यवहार के कारण उपभोक्ताओं में उनके लिए आदर है। वृद्धजन, महिलाओं और बच्चों के कार्यों को वे प्राथमिकता से हल करवाने का प्रयास करते हैं। दूर- दराज आये ग्रामीण लोगों को अनावश्यक परेशानी न हो, इसके लिए स्वयं कुर्सी से उठकर उनका सहयोग करते हुए भी देखा है।

भारतीय स्टेट बैंक एक प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थान हैं। ग्राहक के रूप में समय-समय पर कार्य के लिए रू-ब-रू होना पड़ता है। अनेक अधिकारी और कर्मचारी आज भी मन में वसते हैं। आदरणीय के एस कंडारी, विक्रम सिंह चौहान,प्रताप सिंह चौहान, ज्ञान सिंह,विनोद कुमार, डीपी जोशी आदि।

किसी भी विभाग में यदि कोई व्यक्ति अपने कार्य के लिए जाता है या वह संबंधित विभाग का सेवा उपभोक्ता है तो प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारियों का नैतिक दायित्व भी बनता है कि वह लोगों का सहयोग करें और अनावश्यक किसी भी कार्य को लंबित न करें बल्कि उपभोक्ताओं के समय का भी ध्यान रखें। साथ ही शासन और प्रशासन के साथ को ही भोक्ता रखें मेरी दृष्टि से सेवा के साथ-साथ यह इंसानियत वसूल इसी भावना से उत्पन्न किया जा सकते हैं।

प्रत्येक व्यक्ति को अपने कार्य का विशेषज्ञ होना चाहिए और सुसंगत ढंग से शासन और प्रशासन की नीतियों का अनुपालन करना चाहिए जनता के वंचित खेतों का ध्यान रखना चाहिए। समाज की दृष्टि में यही योग्यता,कार्य कुशलता और व्यवहारिकता की पहचान है।

*सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here